नक्सली कर रहे मोदी-राजनाथ का विरोध, 5 राज्यों में बंद का ऐलान
नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी ने विज्ञिप्ति जारी कर मोदी के मेक इन इण्डिया पॉलिसी को भारत लूट पॉलिसी बताया है। इसमें केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया है, सिंह के गृहमंत्री बनाए जाने के बाद नक्सल आंदोलन को दबाने कई फर्जी मुठभेड़ राज्य सरकारें अंजाम दे रही है।
अनिमेष पाल/जगदलपुर. नक्सलियों के सबसे बड़े संगठन ने मलकानगिरी मुठभेड़ को नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हत्याकाण्ड बताया है। सेंटल कमेटी प्रवक्ता ने विज्ञप्ति जारी कर इसके लिए नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ऐसे हत्याकाण्ड के लिए जिम्मेदार बताया है।
पत्र के मुताबिक ऐसा मोदी के मेक इन इण्डिया पॉलिसी को देश में लागू करने के लिए किया जा रहा है। इस पॉलिसी के तहत देश को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों को बेचने का षडय़ंत्र मोदी और राजनाथ सिंह कर रहे हैं।
इस तरह के हत्याकाण्ड के विरोधी में नक्सल संगठन ने तीन नवंबर को पांच राज्यों मे बंद का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ समेत आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलांगना व महाराष्ट्र में बंद का फरमान जारी किया गया है। खास बात यह है, नक्सलियों ने बंद का ऐलान ऐसे समय किया है, जब प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ दौरे पर होंगे। मालूम हो प्रधानमंत्री राज्योत्सव में शामिल होने छत्तीसगढ़ आने वाले हैं।
मलकानगिरी मुठभेड़ के बाद सेंट्रल कमेटी प्रवक्ता प्रताप की ओर से जारी विज्ञप्ति में 24 अकटूबर को हुए इस मुठभेड़ को नक्सलियों के 40 साल के इतिहास का सबसे बड़ा नुकसान बताया गया है। इसमें तीन राज्य स्तरीय नेताओं समेत 27 नक्सली कैडर के मारे जाने की बात स्वीकारी गई है।
इसमें एरिया व सीनियर कैडर के नेताओं के शामिल होने की बात कही गई है। विज्ञप्ति के मुताबिक 1998 में कोपरडेंगर में दो राज्यों के समन्वय से छापामार तरीके से 13 लोगों की हत्या किए जाने के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी घटना है।
2005 में निजामाबाद जिले के मनाला में 13 नक्सलियों के मारे जाने व 1993 में करीमनगर जिले में नक्सली नेता कुत्तुला समैयया व 1997 में नक्सली नेता जड़ाला नागराजू के छद्म युद्ध में मार गिराने का भी उल्लेख किया गया है। नक्सली प्रवक्ता ने इन मुठभेड़ों को नक्सल आंदोलन को दबाने सरकारों का षडय़ंत्र बताया है।
11 नक्सल नेताओं को सरेण्डर के बाद मारने का दावा जारी विज्ञप्ति में मलकानगिरी मुठभेड़ में 11 नक्सली नेताओं को सरेण्डर के बाद मारे जाने का दावा किया गया है। इसके मुताबिक मुठभेड़ में राज्य स्तर के नक्सली नेता चलपति, दया, गणेश व जिला कमेटी के अरुणा, रैनू, स्वरुपा, मधु, अशोक, मोरली, ममता, राजेश, सुधीर, लता, बुधरी, श्वेता, राजन्ना, राजेश, रामकी, मलेश, मुया, बीसु की मौत हुई है। इसमें 11 नक्सलियों को पुलिस द्वारा पकड़ा गया और बाद में मार दिया गया।
नक्सल आंदोलन को दबाने कैडरों की हत्या इस विज्ञप्ति में नरेन्द्र मोदी के मेक इन इण्डिया पॉलिसी को भारत देश को लूट कर साम्राज्यवादी, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपने का षडय़ंत्र बताया है। मोदी की राह पर राज्य सरकारें मेक इन ओडिशा व मेक इन आंध्र पॉलिसी चला रही है।
ऐसा मोदी के नेतृत्व में आंध्र का चंद्रबाबू नायडू व ओडिशा की नवीन पटनायक वाली भाजपा सरकार कर रही है। इसे आंध्रप्रदेश, ओडिशा के बॉक्साइट खदानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपने का षडय़ंत्र बताया गया है। बॉक्साइड खदानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देने का स्थानीय आदिवासी विरोध कर रहे हैं।
इसे नक्सल संगठन समर्थन दे रहे हैं। इस वजह से ग्रीन हंट अभियान चलाकर नक्सली कैडर को छद्म युद्ध में मारकर अभियान को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।