क्या है वाइब्रेट विलेज योजना
15 फरवरी 2023 को यह योजना अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के 19 जिलों और 46 ब्लॉक के 663 गांवों में प्रारंभ की गई हैै। इसमें 4800 करोड़ रुपए का बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दिया गया है। इसमें 2500 करोड़ सडक़ कनेक्टिविटी पर व्यय होंगे। यह कार्य होंगे शामिल
- महिला सशक्तिकरण
- सडक़
- स्वच्छ पेयजल
- सौर-पवन ऊर्जा
्र- मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी - पर्यटक केन्द्र
- बहुुउद्देश्यीय केन्द्र
- स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र
- उद्यमशीलता
- कृषि एवं बागवानी
- औषधीय जड़ी बूूटी खेती
- सहकारी समिति विकास
पलायन रोकना - एक गांव एक उत्पाद को मिशन के रूप में लेकर यहां गांवों में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है,ताकि लोगों का बॉर्डर से पलायन रुके। विकास के साथ जोडक़र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रेरित करना।
पश्चिम में क्यों जरूरी
यहां पूर्व में बीएडीपी योजना से कार्य हुए है जो वर्ष 2019 के बाद बंद हैै। अब बॉर्डर विकास को बड़ी योजना नहीं है। पश्चिमी सीमा के बाड़मेर के गांवों के डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र के गांवोंं में मूलभूत सुविधाएं नहीं है। मोबाइल कनेक्टिविटी का अभाव है। पेयजल की समस्या यहां सबसे ज्यादा है। दूरियां औैर रेगिस्तान होने से यहां आवागमन के साधनों व सडक़ों का भी अभाव है। बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा यहां रोजगार के साधन नगण्य होने से लोग पलायन कर रहे है। वाइब्रेट विलेज योजना इन गांवों की भी महत्ती जरूरत है।
केन्द्र सरकार से मांग रखेंगे
केन्द्र सरकार से मांग की जाएगी कि वाइबे्रट विलेज योजना को राज्य में भी लागू किया जाए। राजस्थान के बॉर्डर के गांवों में भी इससे विकास की गति बढ़ेगी। यह योजना उत्तर की तरह पश्चिम में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
– के के विश्नोई, उद्योग राज्यमंत्री, राजस्थान सरकार