ज्यानी ने कहा कि समाज के मानक पूंजीवादी राजसत्ता तय कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज में वैज्ञानिक व तार्किक विचार उत्पन्न करने के साथ-साथ सृजनशील समाज बनाने का होना चाहिए ।सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने तथा मिलजुल कर रहने और शोषण रहित समाज निर्माण को संघर्ष का हिस्सा बनना होगा। बेहतर समाज निर्माण में पूंजीवाद बाधक है । जिलाध्यक्ष भगवानाराम जाखड़ व वरिष्ठ उपाध्यक्ष भोमाराम गोयल ने बताया कि सम्मेलन के अंतिम दिन संगठन का विशेष सत्र आयोजित किया जिसमें सांगठनिक बिंदुओं पर चर्चा की। महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने महिला शिक्षकों के सम्मेलन आयोजन करने, सांगठनिक और वैचारिक कार्यशाला आयोजित करने तथा संगठन को मज़बूत कर मूल मुद्दों पर तीखा संघर्ष कर शिक्षा विरोधी और जन विरोधी नीतियों का मुक़ाबला करने की बात कही।
प्रांतीय प्रतिनिधि दिलीप बिरड़ा, उपाध्यक्ष भोमाराम गोयल,विष्वदत्त गोयल, सिणधरी अध्यक्ष दीनदयाल सिंह,गिङा ब्लॉक अध्यक्ष सुमेर सेन आदि ने विचार रखे। समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष महावीर सिहाग ने कहा कि सरकार के साथ मुद्दों पर सहमति नहीं बनती है तो संघर्ष समिति की ओर से पुन आंदोलन का आह्वान किया जाएगा। दिलीप बिरड़ा व समदड़ी उपाध्यक्ष विश्वदत्त गोयल ने टोंक जिला कलक्टर की ओर से शिक्षक के निलंबन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राजस्थान का शिक्षक इस तरह के कृत्य को नहीं सहेगा ।