गहलोत ने प्रभावितों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिपरजॉय को गंभीरता से लेकर पूर्व में ही तैयारियां कर ली गई थीं। हालांकि कच्चे मकानों, पशुओं और विद्यालय भवनों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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2 हजार लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 हजार से अधिक लोगों को बिपरजॉय आने से पूर्व ही शिफ्ट किया गया था। साथ ही, लगभग 2 हजार लोगों को बचाव टीमों द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आर्मी के साथ ही एसडीआरएफ की 17 और एनडीआरएफ की 8 टीम सहित राहत एवं बचाव कार्यों में आपदा मित्रों, नागरिक सुरक्षा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, बिजली पोल और ट्रांसफॉर्मर्स की शीघ्र मरम्मत के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
गहलोत ने की लोगों से अपील
गहलोत ने आमजन से अपील की है कि वे नदी या अन्य जलभराव वाले स्थानों पर नहीं जाएं। बच्चों को तैरने से रोकें तथा पानी के तेज बहाव में पैदल अथवा वाहन से नहीं गुजरें। किसी अनहोनी का अंदेशा होने पर प्रशासन को तुरंत सूचित करें। इस दौरान आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंद राम मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, चौहटन विधायक पदमाराम जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित एवं पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद साथ रहे।