देश ही नहीं विदेशों में भी पहचान बना चुका बरेली का जरी जरदोजी का काम पिछले कुछ सालों से ठप हो गया है और इस उद्योग से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो गए। जरी कारीगरों के उत्थान के लिए शहर के जाने माने उद्यमी हाजी शकील क़ुरैशी ने जरी इंडिया नाम की कम्पनी बनाई, जिसमें करीब तीन लाख कारीगरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उनका यह प्रोजेक्ट कमीश्नर और डीएम को पसंद आया। इसके बाद प्रोजेक्ट को लखनऊ भेजा गया, जहां से प्रोजेक्ट पास होकर दिल्ली गया। दिल्ली में भी इस प्रोजेक्ट को न सिर्फ हाथों हाथ लिया गया बल्कि इसने बरेली की रैकिंग भी बढ़ाई। अब बरेली को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है।
लम्बे समय से बदहाली से जूझ रहे जरी कारीगरों को भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से संजीवनी मिलेगी। जरी कारीगरों के उत्थान के लिए प्रशासन की सोसायटी और जरी इंडिया एक साथ मिलकर काम करेगी। अब जरी कारीगरों को उनकी मेहनत का उचित फल मिलेगा और उनको देश दुनिया के मुताबिक उत्पाद तैयार करना सिखाया जाएगा।
जरी इंडिया की स्थापना करने वाले हाजी शकील कुरैशी का कहना है कि बरेली में करीब आठ लाख जरी कारीगर हैं, जिनमें तीन लाख महिलाएं हैं। बरेली के स्मार्ट सिटी में शामिल होने में जरी प्रोजेक्ट का अहम रोल है। इससे जरी कारीगरों की दशा में सुधार आएगा।