फिटकरी से उपचार कर उपयोग में लेते हैं पानी कोटा रोड की अग्रसेन कॉलोनी निवासी महेश वैष्णव ने बताया कि अग्रसेन कॉलोनी में सुबह जलापूर्ति होती है। कॉलोनी में जलापूर्ति शुरू होने के बाद करीब 10-15 मिनट तक गंदा ओर बदबूदार पानी आता है। उसके बाद कुछ अच्छा पानी आता है, लेकिन वह भी मटमैला सा रहता है। उसे भी फिटकारी घुमाकर ओर छानने के बाद उपचारित कर उपयोग में लेते है। गंदे पानी की आपूर्ति पिछले कई दिनों से की जा रही है। लगातार दूषित पानी पीने से अब बीमारी होने की चिनता सताने लगी है, लेकिन जलदाय विभाग की ओर से लाइनों की जांच कर सुधार नहीं किया जा रहा है।
शिकायत पर भी अनदेखी मांगरोल बायपास क्षेत्र की कॉलोनियों में मेलखेड़ी छापर की टंकी से आपूर्ति की जाती है। इस टंकी से मेलखेड़ी गांव, छापर व माथना तिराहा तक की कॉलोनियों में जलापूर्ति की जाती है। इस बायपास के आगे के इलाके में पर्याप्त पानी पहुंच रहा है, लेकिन से टेल क्षेत्र की जानकी नगर व अर्जुन विहार कॉलोनी में पिछले तीन महीनों से पानी नहीं पहुंच रहा। लोगों को मजबूरी में फ्लोराइड वाला पानी पीना पड़ रहा है। टेल क्षेत्र के विजय गालव, गोङ्क्षवद गालव, कैलाश नागर, ज्ञानचंद गालव व विनोद मेहता ने बताया कि उन्होंने अमृत योजना के तहत कनेक्शन लिया हुआ है। विभाग ने कनेक्शन तो दे दिए, लेकिन पानी नहीं मिल रहा। अधिकारियों को शिकायत के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
80 की जगह हो रहा 25 लाख का उत्पादन सूत्रों का कहना है कि मजरावता पम्पहाउस से करीब 80 लाख लीटर पानी का प्रतिदिन उत्पादन होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में 20-25 लाख लीटर तक ही उत्पादन हो रहा है। वहां तीन में से एक मोटर व सबमर्शिबल पम्प ही चल रहे है। मजरावता से अटरू रोड तक आ रही पुरानी 16 इंची लाइन में कल्याणपुरा व कल्याणपुरा से के्रशर के बीच 3-4 जगह रिसाव हो रहा है। रिसाव का पानी गड्ढों मे भर रहा है। वहां रोड निर्माण के दौरान भी लाइन टूट गई थी। इसे सोमवार को ज्वॉइंट लगाकर दुरूस्त किया गया। इससे और उत्पादन कम हो रहा है। इसी तरह शहर में मांगरोल रोड पर निर्माण के चलते सर्विस लाइने खुली और टूट रही है।