खान-पान के लिए बाजार में भी कई चीजें उपलब्ध है, लेकिन उसमें मिलावट होने और तेल-आदि का उपयोग होने के कारण महिलाएं घर में बनी सहगारी अथवा भोजन का उपयोग करना अधिक पसंद करती हैं। श्रद्धालु तो बाहर का पानी तक नहीं पीते हैं। नवरात्र में व्रत के दौरान एक बार भोजन किया जाता है, जबकि उपवास के दौरान फलाहार आदि किया जाता है।
व्रत में ये चीजें पहुंचाएंगी फायदा
नवरात्र उपवास के दौरान सिर्फ फलाहार ही लेना चाहिए। आपको बता दें कि ङ्क्षसघाड़े, राजगिरा, साबुदाना ये सभी सेहत से भरपूर फलाहारी अनाज हैं, आप कुट्टू, ङ्क्षसघाड़े और राजगिरा को आटे के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
सामग की खिचड़ी, खीर और ढोकला भी व्रत के दौरान खाया जा सकता है। वहीं, साबुदाने का पापड़, खीर, खिचड़ी और वडा भी व्रत के दौरान नुकसान से बचाएगा। उपवास के दौरान खाने में मसाले के तौर पर जीरा और जीरे का पाउडर, काली मिर्च और उसका पाउडर, हरी इलायची, लौंग, दालचीनी, अजवायन, सूखे अनार के बीज, इमली और जायफल का सेवन किया जा सकता है।
नवरात्र में शाकाहारी डाइट अधिक लेते हैं, इसमें आप शकरकंदी, आलू, तोरी, धिया, खीरा, गाजर की सब्जी खा सकते हैं। नवरात्र में उपवास के दौरान अपना खाना देसी घी और बादाम के तेल में बनाकर ही खाएं। कम या बिना तेल की चीजें सेहत को किसी भी तरह के नुकसान से बचाएंगी।
इससे रहेगी स्फूर्ति
विशेषज्ञ बताते है कि व्रत के दौरान शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन, विटामिनों की पूर्ति के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों को सलाद के रूप में खा सकते हैं। सलाद के रूप में खीरा, गाजर, नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही नारियल पानी, नींबू पानी, गुड मूंगफली की गजक, मखाने की छोर, सेब की खीर, नारियल की बर्फी जैसी चीजें भी ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत हैं। थायरॉइड, कब्ज, अनिद्रा, डिहाइड्रेशन की समस्या से परेशान हैं। उन्हें अपने फलाहार में ङ्क्षसघाड़ा और ङ्क्षसघाड़े के आटे से बने भोज्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
व्रत-उपवास करने वालों को नौ दिनों तक शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए ड्राई फूट््स, सीड्स, सांवा, भगर, फल आदि का उपयोग अधिक करना चाहिए। शरीर में तरल कम न हों, इसके लिए पानी, जूस, नारियल पानी, नींबू पानी का पर्याप्त सेवन करते रहना चाहिए। अन्यथा शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
डॉ. रंजना रोहिरा, फूड एक्सपर्ट, कोटा