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बारां

बिजली की कीमत पर डेढ़ लाख पेड़ों की बलि मंजूर नहीं

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शाहाबाद क्षेत्र में प्रस्तावित ग्रीनको एनर्जी के हाइड्रो बिजलीघर के निर्माण का विरोध किया गया

बारांNov 25, 2024 / 12:28 pm

mukesh gour

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शाहाबाद क्षेत्र में प्रस्तावित ग्रीनको एनर्जी के हाइड्रो बिजलीघर के निर्माण का विरोध किया गया

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शाहाबाद क्षेत्र में प्रस्तावित ग्रीनको एनर्जी के हाइड्रो बिजलीघर के निर्माण का विरोध किया गया

दिशा की बैठक में उभरे ग्रीनको के विरोध में स्वर, कहा-गुपचुप जारी की गई स्वीकृतियां

बारां. शाहाबाद में प्रस्तावित हाइड्रो प्लांट के विरोध में स्वर और मुखर होने लगे। इसके विरोध में अब सांसद और विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, बारां-झालावाड़ सांसद दुष्यंत ङ्क्षसह की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शाहाबाद क्षेत्र में प्रस्तावित ग्रीनको एनर्जी के हाइड्रो बिजलीघर के निर्माण का विरोध किया गया। बैठक में सांसद दुष्यंत ङ्क्षसह सहित उपस्थित विधायकों ने कहा कि डेढ़ लाख पेड़ों की कटाई के एवज में हमें बिजली नहीं चाहिए।
रविवार को मिनी सचिवालय में आयोजित दिशा की बैठक में प्रस्तावित ग्रीनको हाइड्रो प्लांट को जल उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा जारी थी। इसी बीच विधायक ललित मीणा, कंवरलाल मीणा एवं राधेश्याम बैरवा ने कहा कि सौ-दो सौ सालों में विकसित हुए जंगल की बलि देने के पक्ष में हम बिलकुल नहीं हैं। इस पर सांसद दुष्यंत ङ्क्षसह ने कहा कि एक तरफ कूनो में चीते बसाए जा रहे हैं, दूसरी तरफ इनको संरक्षित करने वाले जिले में मौजूद दुर्लभ वृक्षों की मौजूदगी वाले सघन वनों को काटे जाने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन विभाग में ग्रामीण सडक़ों एवं नहरों के निर्माण के लिए स्वीकृतियों को रोका जाता है, दूसरी ओर बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए चार सौ हैक्टेयर भूमि गुपचुप आवंटित करना शर्मनाक है। सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में ग्रीनको हाइडल प्रोजेक्ट का विरोध किया।
परवन परियोजना में गड़बड़ी, सांसद नाराज

बैठक में सांसद ने परवन वृहद् परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय फेज की प्रगति के बारे में जानकारी चाही। इस पर अधिकारियों ने उन्हें बताया कि परियोजना के प्रथम फेज का काम 48 एवं द्वितीय फेज 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। सांसद ने कहा कि प्रथम फेज में बारां और झालावाड़ में प्राथमिकता के से पानी उपलब्ध कराना था। द्वितीय फेज कोटा को लाभान्वित करता है। हमारे क्षेत्र का पानी पहले हमारे किसानों को देने की प्राथमिकता क्यों निर्धारित नहीं की गई?
हथियादेह विस्थापितों का मामला भी उठा

हथियादेह परियोजना के विस्थापितों को सुवांस के स्थान पर मोयदा में पुनर्वास की मांग एवं मुआव•ो का मुद्दा विधायक ललित मीणा ने उठाया। इस पर जिला कलक्टर डॉ.रोहिताश्व तोमर ने बताया कि विस्थापितों को मंगलवार से मुआव•ाा वितरण शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुनर्वास का स्थान बदलने के विषय को राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सांसद ङ्क्षसह ने कहा कि नौनेरा बांध की डूब में आ रहे पाटूंदा गांव के संबंध में जल संसाधन विभाग को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने पेयजल परियोजनाओं में विलंब के साथ विद्युत विभाग की अव्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों के समक्ष नारा•ागी जताई। उन्होंने खाद की उपलब्धता, फसलों के मुआव•ो, चिकित्सा सुविधाओं एवं विभागों की प्रगति की समीक्षा भी की। बैठक में उप जिला प्रमुख छीतरलाल मेघवाल, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरीश मीणा, एसपी राजकुमार चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल सुमन, जगदीश मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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