पुलिस के सामने नया पेंच, फिर करवा रहे विभागीय जांच
दो साल का रेकॉर्ड मिलने के बाद पुलिस के सामने तकनीकी जांच का पेंच आ गया। इस पर जिला परिषद से एक और कमेटी गठित कर इस रेकॉर्ड की जांच करवाई जा रही है, जिससे स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो। प्रकरण में अधिकारी 2024 के इस चर्चित प्रकरण में अब तक सत कार्रवाई से टल रहे हैं।Rajasthan News : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में हुई सख्ती, नाम हटवाने के लिए कर रहे अपात्र लोग आवेदन
अब सौंपा बाकी रिकॉर्ड
जांच दल ने वर्ष 2022-23 और 2023-24 का रेकॉर्ड भी मांगा पर वीडीओ और सरपंच टालते रहे। आखिर 28 अगस्त को वीडीओ को निलंबित कर रिकवरी करने और कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। फिर रिकवरी भी नहीं हुई तो अक्टूबर में तत्कालीन बीडीओ ने कलिंजरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच डीएसपी बागीदौरा को सौंपने पर पुलिस ने दबाव बनाया तो अब बचा रेकॉर्ड सौंपा गया है।हर काम में उठाए पैसे, श्रमिकों को 25 लाख देना बाकी
विभागीय रेकॉर्ड के अनुसार 2020-21 में 5, 21-22 में 31, 2022-23 में 5, और 2024-25 में 3 कार्य पंचायत ने करवाने बताए, लेकिन हर काम में वित्तीय अनियमितता कर पैसा उठा। 32 निर्माण कार्यों पर श्रमिकों का नियोजित बताया गया। मस्टररोल भी जारी हुए और श्रमिकों की उपस्थिति भी बताई गई, लेकिन करीब 25 लाख का भुगतान नहीं किया गया। इस हिसाब से चारों वर्षों की गड़बड़ियों से पर्दा उठने पर मामला एक करोड़ से ज्यादा का होने की संभावना है।निष्फल व्यय की हकीकत सामने लाएंगे
इस मामले में एफआईआर पर पुलिस की ओर से तकनीकी जांच के लिए मदद मांगी है। कनिष्ठ एवं सहायक अभियंताओं और दो लेखाधिकारियों को शामिल कर नौ सदस्यीय टीम बनाकर जिम्मा सौंपा है, जो भौतिक सत्यापन कर निष्फल व्यय की हकीकत सामने लाएंगे।कैलाशचंद्र बसेर, कार्यवाहक सीईओ, जिला परिषद
प्रकरण में पुलिस को रेकॉर्ड मिला
प्रकरण में पुलिस को रेकॉर्ड मिल गया है। मामला तकनीकी होने से पूरे नतीजे तक पहुंचने में समय लगेगा।दीपसिंह, पुलिस उप अधीक्षक, बागीदौरा