थानाधिकारी प्रवीणसिंह सिसोसिया ने बताया कि घाटोल के बोदलापाड़ा गांव की 17 वर्षीया ईशा पुत्री जीतेंद्र कटारा मंगलवार दोपहर बाद करीब 2 बजे किसी काम से जाने का कहकर घर से निकली। उसके पिता अहमदाबाद में मजदूरी करने गए थे। उसके बाद उसने शाम तक वापसी नहीं की तो परिजनों ने समझा कि खेल प्रतियोगिता का आयोजन देखने गई होगी, जहां देर होने पर किसी सहेली या रिश्तेदार के घर पर ठहर गई। इसके चलते किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
इसके बाद बुधवार सुबह ईशा के काका घर से थोड़ी दूर खेत की तरफ गए तो उसका शव बबूल के पेड़ से शव लटका देखकर घबरा गए। सूचना पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इत्तला पाकर घाटोल तहसीलदार हाबुलाल व थाने से पुलिस दल मौके पर पहुंचा।
मौका मुआयने पर शव के पास मोबाइल, चप्पल, पैरों के पायल मिले। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल भेजा। जानकारी देने पर मृतका के पिता भी अहमदाबाद से निकल गए। इस बीच, मृतका के दादा बदिया पुत्र नाथू ने पुलिस को रिपोर्ट दी। इस पर मर्ग दर्ज कर एएसआई मेघराज ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपा।
पांच भाई-बहनों में थी तीसरी, तय हो चुका था रिश्ता
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ईशा 11वीं कक्षा की छात्रा होकर कानजी का गड़ा में अध्ययनरत थी। परिजनों ने मोटागांव क्षेत्र में उसका रिश्ता कर दिया था। उसकी अपने होने वाले ससुराल आना-जाना होता रहता था। थानाधिकारी सिसोदिया के अनुसार मृतका के घर या मंगेतर के लोगों से किसी तरह का संदेहास्पद तथ्य सामने नहीं आने से आत्महत्या के कारण अस्पष्ट है। इसके मद्देनजर पुलिस की जांच जारी है।