परिषद ने 27 जुलाई,2023 को फर्म का दावा जायज माना और कलक्टर बांसवाड़ा को एक माह में 28 लाख 89 हजार 600 रुपए राशि के साथ आरबीआई की प्रचलित ब्याज दर की तिगुनी मासिक चक्रवर्ती ब्याज 15 लाख 88 हजार 170 रुपए सहित कुल 44 लाख 77 हजार 770 रुपए भुगतान करने का आदेश दिया।
इसके बाद भी बार-बार तकाजे पर फंड नहीं होने की वजह बताकर टाला गया। इसके बाद मामले में परिषद की डिक्री पर जिला न्यायाधीश ने 18 मार्च, 2024 को कलक्टर कार्यालय की मूवेबल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश पारित किए। इससे अब आगे जल्द भुगतान नहीं होने पर कलक्टर कार्यालय की गाडिय़ां, कुर्सी कंप्यूटर, लैपटॉप आदि जब्त होने के आसार हैं।
ऐसा नहीं है कि परिषद के आदेश पर भुगतान के लिए प्रयास नहीं हुए। कलक्टर कार्यालय की ओर से 2023 में ही सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में तीन बार कलक्टर ने पत्राचार कर बजट मांगा, लेकिन आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के उप शासन सचिव ने दिसंबर, 2023 में पत्र भेजकर उक्त मद में बजट होने से इनकार कर दिया। इसके चलते मामला पसर गया और अब नौबत कुर्की की आ गई है।