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बांसवाड़ा

अब मक्का का गढ़ नहीं रहा बांसवाड़ा, यहां पर इस फसल की मची है जमकर धूम

Banswara News : बांसवाड़ा कभी मक्का उत्पादन का गढ़ रहा था। पर अब बांसवाड़ा के किसानों की दीवानगी लगातार इस फसल की तरफ बढ़ती जा रही है। जानें यह कौन सी फसल है?

बांसवाड़ाNov 13, 2024 / 02:43 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Banswara is No Longer Stronghold of Maize this Crop is Very Popular
Banswara News : कभी मक्का उत्पादन का गढ़ रहा बांसवाड़ा अब भरपूर गेहूं उपजा रहा है। रबी सीजन में मक्का की फसल अब सिमट गई है। इस वर्ष विभाग ने फसलों के प्रस्तावित लक्ष्य 1 लाख 53 हजार 91 हेक्टेयर में से अकेले गेहूं का प्रस्तावित लक्ष्य 115000 हेक्टेयर रखा है, जो कुल फसलों के उत्पादन का 75.11 फीसदी है। बदलाव की इस बयार में किसान गेहूं की कई किस्म चुन रहे हैं। पहले किसान सिर्फ टुकड़ी गेहूं (3077) की बुवाई कर लेते थे, अब खेतों में 10-12 किस्म का गेहूं बोया जा रहा है। इनमें भी 7 किस्में अधिक प्रचलन में हैं। गेहूं उत्पादन के प्रति किसानों का रुझान बढ़ने से अब स्थानीय स्तर पर गेहूं की डिमांड पूरी हो रही है। हालांकि गेहूं उत्पादन बढ़ने का विपरीत असर अरहर और चना उत्पादन पर है। दोनों ही फसलों का रकबा बीते वर्षों की तुलना में कम हुआ है।

बुवाई के लिए नवंबर का पहला पखवाड़ा परफेक्ट

किसान नवंबर के पहले पखवाड़े यानि 15 तारीख के पहले बुवाई कर दें, ताकि फरवरी तक दान पक जाए। चूंकि बांसवाड़ा में फरवरी में तापमान बढ़ने लगता है, ऐसे में गेहूं का दाना पक नहीं पाता और छोटा रह जाता है।
डॉ. हरगिलास मीणा, जोनल डायरेक्टर, कृषि अनुसंधान केंद्र बोरवट, बांसवाड़ा

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सिंचाई व्यवस्था से किसानों को मिला संबल

बीते वर्षों में सिंचाई व्यवस्था बढ़ी है। नॉन कमांड क्षेत्र में किसानों को काफी संबल मिला। ओवरऑल गेहूं का रकबा बढ़ा है। फसल का समय 110 से 120 दिन होता है।
डॉ .दलीप सिंह यादव, संयुक्त निदेशक कृषि (वि.), बांसवाड़ा

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बढ़ गईं कई प्रजातियां

पूरे जिले में गेहूं की उपज का अंदाजा लगाना सहज नहीं है, लेकिन पहले की तुलना में किस्में काफी बढ़ गई हैं। पहले टुकड़ी गेहूं आता था, लेकिन अब स्थानीय किसान कई वैरायटी के गेहूं उत्पादित करने लगे हैं। व्यापारी भी काफी बढ़ गए है, जो इंगित करता है कि जिले में गेहूं की उपज बढ़ी है।
सोनू दोसी, गेहूं व्यापारी

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गेहूं के लिए यह तापमान मुफीद

1- बुवाई के समय : 20-25 डिग्री से.
2- फुटान के समय: 15-20 डिग्री से.
3- दाना भरते समय समय: 20-25 डिग्री से.
4- पकते समय: 25-30 डिग्री से.।
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नॉन कमांड में इजाफा ज्यादा

बांसवाड़ा में नॉन कमांड क्षेत्र में किसानों ने गेहूं को ज्यादा पसंद किया है। इस कारण नॉन कमांड क्षेत्र में पूर्व की तुलना में रकबा बढ़ा है। बीते वर्षों में बनाए गए खुले कुओं से किसानों के लिए सिचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ी। जो गेहूं का रकबा बढ़ने का अहम कारण है।
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बांसवाड़ा के किसान चुनते हैं ये किस्में

पहले जहां केवल टुकड़ी गेहूं उगाई जाती थी, अब जिले में कई किस्मों की बुवाई हो रही है। किसान राज 4220, राज 3765, राज 4037, राज 3777, एचआई 1544, डीबीडब्ल्यू 222, राज 4238, राज 4079 व लोकवन जैसी किस्में अपना रहे हैं।
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बांसवाड़ा का सामान्य तापमान

माह – अधिकतम तापमान – न्यूनतम तापमान

अक्टूबर – 32.8 – 21.7
नवंबर – 29.4 – 18.5
दिसंबर – 26.2 – 14.5
जनवरी – 5.5 – 13.4
फरवरी – 28.3 – 15.6
मार्च – 33.5 – 20.2
अप्रैल – 38.4 – 24.5
(तापमान डिग्री सेल्सियस में, बदलाव संभव)।

जिले में ये रहा गेहूं का रकबा

वर्ष : रकबा हेक्टेयर
2017-18 : 84265
2018-19 : 87641
2019-20 : 85873
2020-21 : 94516
2021 -22 : 98268
2022-23: 126465
2023-24 : 108692
2024-25: 115000

( प्राप्त जानकारी के आधार)

तापमान माकूल नहीं, लेकिन उत्पादन अच्छा

कृषि विशेषज्ञों कीे मानें तो बांसवाड़ा का तापमान गेहूं के लिए थोड़ा सत है। बुवाई के समय की पहचान जरूरी है। आदर्श तापमान 10-25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। अत्यधिक तापमान (30 डिग्री से अधिक) और कम तापमान (0 डिग्री से कम) गेहूं की वृद्धि और उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।

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