कर्मों को भोगे बिना मोक्ष नहीं गुरु के माध्यम से प्रभु महावीर की वाणी सुनने को मिला कि मानव को कर्मों को भोगे बिना मोक्ष नहीं है। अपने किए हुए कर्मों का फल हमें मिलता है। अमीर हो या गरीब, राजा हो या रंक, सबको अपने कर्मों का फल हमें भोगना ही है। इस मौके पर जैन युवा संगठन विद्यारण्यपुरम के सचिव दिनेश समदड़िया, कोषाध्यक्ष पुनीत धोका, स्थानकवासी जैन संघ हल्लदगेरी के उपाध्यक्ष सुभाष दरड़ा, वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष प्रकाश पितलिया, सचिव भैरुलाल कोठारी, कांतादेवी हिंगड़, सपना हिंगड़, महावीर हिंगड़, दिनेश हिंगड़, अर्पिता हिंगड़, मुक्ति महिला मंडल की अध्यक्ष सरलाबाई हिंगड़, सचिव नीलम लोढ़ा, कोषाध्यक्ष कविता सकलेचा, मीठालाल गुलेच्छा, महावीरचंद सकलेचा, पारसमल खारीवाल, पूरणमल लोढ़ा, शांतिलाल लोढ़ा, प्रकाश सेहलोत, राजेश ललवाणी, संजय मारु, अशोक धोका आदि मौजूद थे। संचालन सचिव किरण देरासरिया ने किया। कोषाध्यक्ष सोहनलाल भंसाली ने आभार ज्ञापित किया।कर्मों को भोगे बिना मोक्ष नहीं