खरगे ने कहा, मेरा सभी को निर्देश है चुप रहें और अपना काम करें। निर्णय लेना हमारा काम है। सबसे पहले, जो काम सौंपा गया है, उसे करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि विकास लोगों तक पहुंचे और पार्टी को मजबूत करें।
खरगेे ने यह बात ऐसे समय कही है, जब मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के वफादार माने जाने वाले कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहा है।पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा, यह बोलने वाले लोगों की इच्छा है। लेकिन पार्टी आलाकमान उनकी इच्छा के अनुसार काम नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, आलाकमान अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के आधार पर निर्णय लेता है और आलाकमान का निर्णय अंतिम है। उन्होंने कहा कि वह 100 लोगों की कही गई 100 बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे।प्रदेश संगठन में फिलहाल बदलाव नहीं
खरगे ने कहा कि बिना सोचे-समझे बोलने से पार्टी को नुकसान पहुंचता है। खरगे ने प्रदेश संगठन में तत्काल किसी भी बदलाव की संभावना को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जब स्थिति पैदा होगी, आलाकमान निर्णय लेगा। यह आज या कल की बात नहीं है। अब, यह कहने का कोई सवाल ही नहीं है कि मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष को बदला जाएगा। यह सब अटकलें हैं। किसी को भी इस बारे में नहीं बोलना चाहिए। हम तय करेंगे कि किसे कहां रहना चाहिए और किसे किस पद पर बनाए रखना चाहिए।
खरगे ने कहा, मंत्री, विधायक या सांसद… किसी को भी बदलाव या पार्टी को कमजोर करने वाली किसी भी चीज के बारे में नहीं बोलना चाहिए। आगे चलकर, मुझे उम्मीद है कि बयानों पर रोक लगेगी। अपने आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा, समय आने पर इस बारे में देखेंगे। आलाकमान इतना कमजोर नहीं है कि हम पार्टी के लिए एक-दो लोगों पर निर्भर रहें।
खरगे ने अपनी कर्नाटक इकाई से एकजुटता के साथ काम करने और प्रमुख गारंटी योजनाओं को अच्छी तरह से लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, यही वह मॉडल है जिसे हम अन्य राज्यों में लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ऐसे (विवादों) के कारण, सारे अच्छे काम छूट जाते हैं।