न्यायाधीश एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने के आदेश के साथ अगली सुनवाई 20 फरवरी तक स्थगित कर दी। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जून 2024 में राहुल गांधी को जमानत दे दी थी। भाजपा ने इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार को भी पक्षकार बनाया था। इस मामले में गांधी, सिद्धरामय्या और शिवकुमार सभी अदालत में पेश हुए थे।
क्या है मामला
मानहानि का मुकदमा भाजपा महासचिव केशव प्रसाद ने दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस पार्टी तत्कालीन भाजपा सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए अखबारों में पूरे पन्ने के विज्ञापन प्रकाशित करके दुष्प्रचार कर रही थी। विज्ञापनों में भाजपा सरकार को 40 प्रतिशत सरकार बताया गया और इसमें पोस्टर और रेट कार्ड शामिल थे, जिनमें कथित तौर पर सरकार के भीतर विभिन्न पदों के लिए कीमतें निर्धारित की गई थीं। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ये आरोप निराधार, अपमानजनक और पक्षपातपूर्ण थे। विज्ञापनों में पीएसआई भर्ती, बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) और बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) से संबंधित कथित घोटालों का उल्लेख किया गया था।