मुडा कार्यालय पुहंचने के बाद ईडी अधिकारियों ने परिसर में बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी। ईडी के अधिकारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ मुडा कार्यालय, इसके तहसील कार्यालय और मामले के एक आरोपी देवराजू के बेंगलूरु के केंगेरी स्थित परिसर में एक दिन पहले से ही छापेमारी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण और आवंटन नीतियों के बारे में तीन दर्जन से अधिक प्रश्नों के उत्तर मांगने के लिए मुडा को कई पत्र भेजे। तलाशी अभियान उसके बाद शुरू हुई है। कथित तौर पर ईडी को सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला था। ईडी ने इस मामले में 30 सितंबर को मुख्यमंत्री व अन्य के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) दर्ज की।
पूर्व सांसद से लोकायुक्त पुलिस ने की तीन घंटे पूछताछ!
उधर, इस मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने भी शनिवार को कई लोगों से पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि, रायचूर के पूर्व कांग्रेस सांसद जी.कुमार नाईक से मैसूरु लोकायुक्त कार्यालय में पूछताछ की गई। जी.कुमार नाईक मैसूरु के पूर्व उपायुक्त भी हैं। जानकारी के मुतबिक नाईक से पूछताछ लगभग 3 घंटे तक चली। गौरतलब है कि, मुडा की ओर से मुख्यमंत्री की पत्नी को 14 वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए गए थे जिनमें अनियमितताओं का आरोप है। हालांकि, मुख्यमंत्री की पत्नी ने सभी भूखंड वापस लौटा दिए हैं लेकिन, मुख्यमंत्री जांच का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपनी या अपने परिवार की, किसी भी तरह के गलत काम में संलिप्तता के आरोप से इनकार किया है।