ऑनलाइन करना होगा एप्लाई
स्कूलों का चयन प्रतियोगिता की तरह होगा। सभी स्कूलों को ऑनलाइन एप्लाई करना होगा। चैलेंज नामक पोर्टल बनाया गया है। जिसमें संस्था प्रमुखों को उनके स्कूल में उपलब्ध सुविधाएं भरना होगा। क्रॉस चेकिंग के लिए पहले जिला, फिर स्टेट लेवल की टीम जांच करेगी। जो स्कूल मापदंडों में खरे उतरेंगे, उनके नाम केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति अंतिम निर्णय लेगी। जो स्कूल सलेक्ट होंगे, उन्हें पीएम श्री स्कूल बनाया जाएगा। इन स्कूलों की पहचान ही पीएम श्री स्कूल के नाम से होगी। प्रदेश सरकार भी नाम बदल नहीं सकेगी।
चयन के लिए ये मापदंड
*स्वयं का पक्का स्कूल भवन जो अच्छे कंडीशन में हो।
*सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम।
*अग्निशमक की व्यवस्था।
*दर्ज संख्या का प्रतिशत राज्य के दर्ज संख्या से अधिक हो।
*बालक-बालिका के अलग-अलग शौचालय।
*पीने के साफ पानी की व्यवस्था।
*लाइब्रेरी, खेल उपकरण व खेल मैदान।
*स्कूल भवन में विद्युतीकरण शिक्षकों के पास फोटो आईडी पहचान पत्र।
सभी बच्चों के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा
पीएम श्री स्कूल बनाने के पीछे उद्देश्य सभी बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देना है। योजना लंबे समय तक चलेगी। शुरुआती दो साल में हर तिमाही ऑनलाइन एप्लाई के लिए पोर्टल खुलेगा। इसके बाद सालभर में एक बार आवेदन का मौका मिलेगा। इनका संचालन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन पर होगा। यह केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्थापित किए जाएंगे। पीएम श्री स्कूलों में प्री प्राइमरी से 12वीं तक की पढ़ाई होगी। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर वाले सरकारी स्कूल पीएम श्री स्कूल में तब्दील करने प्राथमिकता दी जाएगी। स्कूलों के परिसर को मजबूत आकर्षक स्कूलों को बनाया जाएगा।
हर विकासखंड में दो पीएम श्री स्कूल बनेंगे
राजीव गांधी शिक्षा मिशन बालोद के सहायक जिला समन्वयक जीएल खुरश्याम ने बताया कि यह केंद्र सरकार की योजना है। हर विकासखंड में दो पीएम श्री स्कूल बनेंगे। सभी बीईओ को मापदंड के अनुसार स्कूल का चयन कर भेजने कहा है। राज्यस्तर से दो बार बैठक भी हो चुकी है। चार दिसंबर तक सूची शासन को भेजना है।