कुलपा के ग्रामीणों ने बताया हाई स्कूल के सामने शासकीय घास मद की भूमि पर 100 वर्ष पुराना बरगद का विशाल पेड़ था। वहीं सामने हैंडपंप खनन भी करवाया गया था, ताकि राहगीर हैंडपंप का पानी पीकर बरगद के पेड़ की छाया का सहारा ले सकें। लेकिन ग्राम के ही एक व्यक्ति द्वारा उक्त पेड़ के नीचे की शासकीय घास मद की भूमि में कब्जा कर उक्त पेड़ को जड़ से काटकर नष्ट कर दिए जाने के आरोप ग्रामीणों ने लगाए हैं। वहीं मामले की जानकारी विभागीय जिम्मेदारों को भी दी गई थी। राजस्व विभाग के तत्कालीन तहसीलदार के आदेश पर पटवारी ने मौका स्थल पर पंचनामा कार्रवाई कर उक्त पेड़ की जब्ती बनाकर निर्माण कार्य बंद करवा कर प्रकरण तहसील कार्यालय में पेश किया था, जो विचाराधीन है।
ग्रामीणों के अनुसार इस बीच अतिक्रमणकर्ता ने उक्त शासकीय भूमि को ग्राम के ही किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय कर दिया गया। अब दूसरे व्यक्ति ने मौके पर पक्का मकान निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। मामले की शिकायत ग्राम कुलपा निवासी विजय पिता मोहनलाल ने लिखित रूप से तहसीलदार से की थी। जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए कोटवारों के माध्यम से निर्माण रोकने कहा गया। अतिक्रमण कर्ता ने निर्माण कार्य नहीं रोका। दूसरे दिन तहसीलदार ने 11 नवंबर को स्थगन आदेश जारी किया था। हल्का पटवारी निशांत रामटेक ने स्थगन आदेश लेकर निर्माण स्थल पर पहुंचकर जांच रिपोर्ट बनाकर पंचनामा कार्रवाई कर अतिक्रमण कर्ता को निर्माण कार्य रोकने को बोलकर स्थगण आदेश दिया गया था। बावजूद इसके यायालय तहसीलदार के स्थगन आदेश की अव्हेलना कर देर रात तक निर्माण कार्य चालू रखा गया। शिकायत शिकायतकर्ता ने पुन: शिकायत की है। वहीं पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
वर्सन
शिकायत प्राप्त हुई है। हम मौके पर कर्मचारियों को भिजवाकर स्थिति दिखवाते हैं। यदि रोक के बाद भी निर्माण पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
संजय बारस्कर, नायब तहसीलदार