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बागपत एसपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार रात हलालपुर मंदिर के निकट से गैंगस्टर सचिन और मोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से परमवीर तुगाना की हत्या में शामिल एक पिस्टल व चार कारतूस भी बरामद हुए हैं। जब इससे पूछताछ की गई तो इसने बताया कि हमले से पहले एक लाख के इनामी रह चुके परमवीर की रेकी की गई थी। पल-पल की खबर उनके पास थी। वीडियो कॉल के जरिए लोकेशन भी शेयर की जा रही थी। योजना के तहत सचिन उर्फ मोनू कुरडी गांव पहुंचा था जहां अमित उर्फ लालू परविंदर, मोहित, रोबिन व अन्य शूटर ने मिलकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि इस षड्यंत्र को सुनील राठी लीड कर रहा था।
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हत्या के पीछे आगामी जिला पंचायत चुनाव की रंजिश सामने आई है। पकड़े गए आरोपी ने बताया कि परमवीर तुगाना वार्ड नंबर 7 से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। इसी वार्ड से सुनील राठी अपने ममेरे भाई परविंदर निवासी कुरड़ी काे चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहा था। सुनील राठी के कहने पर करीब एक माह पहले ही हलालपुर में उसके घर पर ही हत्या की योजना बनाई गई थी। इसके बाद उनकी कट्टर दुश्मनी हो गई थी।घटना 22 जून की है। एक लाख का इनामी रह चुका परमवीर तुगाना अपने साथियों के साथ कुरडी गांव में देशपाल के मकान के चबूतरे पर बैठा हुआ था। इसी दौरान कार व बाइक पर सवार होकर आए हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस हमले में परमवीर तुगाना और उसके साथी घायल हो गए थे। 29 जून को वेदांता हॉस्पिटल में उपचार के दौरान परवीन तुगाना की मौत हो गई थी। इस मामले में कई लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था।