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सौंटी गांव के ग्रामीण एक जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए नजीर पेश कर रहे हैं। ग्रामीणोंं ने बताया कि संकट के इस दौर में वह खुद ही एहतियात बरत रहे हैं। ग्रामीण बिजेंद्र, लोकेंद्र और जहीर ने बताया कि उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए कुछ नियम बनाए हैं। जैसे बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे घर से बाहर नहींं निकलेंगे। वहीं, अन्य लोग घर सेे बाहर निकलते समय मुंह पर गमछा या मास्क अनिवार्य रूप से लगाएंगे। कोई भी रिश्तेदारों को गांव में नहीं बुलाएगा और न ही कोई कहीं किसी रिश्तेदार के यहांं जाएगा। इसके अलावा लोग बाहर का खाना नहीं खाएंंगे यानी घर में बना खाना ही खाएंगे।
100 से अधिक ने लगवाई वैक्सीन इस संबंध में छपरौली सीएचसी अधीक्षक
डॉ. अरविंद मलिक ने बताया कि सौंटी में
कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर में एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है। वहीं, एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र कहते हैं कि अन्य दूसरे गांव को सौंटी गांव के लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए। एएनएम अनुराधा कहती हैं कि सौंटी गांंव के 45 वर्ष से ऊपर केे सौ से अधिक लोगों को अभी तक कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी 200 से अधिक लोगों की कोरोना की जांच की गई थी, लेकिन काेई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया।
इन नियमों को अपना रहे ग्रामीण – गांव में किसी भी रिश्तेदार को बुलाने पर प्रतिबंध। – गांव का काेई भी व्यक्ति रिश्तेदारी में नहीं जाता। – युवा मुंह पर मास्क या गमछा बांधकर घर सेे बाहर निकलते हैंं।
– बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग घर से बाहर नहीं आते। – दिन में कई बार साबुन से हाथ धोते हैं लोग। – सौंटी गांव कई बार सैनिटाइज हो चुका है। – शादी समारोह जैसे आयोजनों पर फिलहाल रोक।