गौरतलब है कि पत्रिका ने बागपत में प्रदूषण को लेकर गंभीरता के साथ लगातार खबरें प्रकाशित कर रहा है। पत्रिका अभियान ने ही बागपत में प्रदुषण विभाग को जगाया और कारवाई करने को मजबूर भी किया, जिसके चलते बागपत में कई स्थानों पर प्रदूषण विभाग ने छापेमारी की और एनजीटी के अदेशों का उल्लंधन करने पर जहां चर्म शौधन ईकाइयों पर कारवाई की। वहीं, खेकड़ा नगर में जल प्रदूषण करने वाली तीन फैक्ट्रीयों को भी स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण विभाग ने सील कर दिया है । हालांकि, पत्रिका अब भी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रीयों को बेनाब करने का कार्य जारी रखे हुआ है। जिसके चलते बुधवार को एक बार फिर प्रदूषण विभाग के जेई सतेंद्र प्रताप और खेकड़ा तहसीलदार ने मिलकर दो फैक्ट्रीयों को सीज कर दिया। पत्रिका अभियान का असर होते ही खेकड़ा में हड़कंप मच गया। तहसीलदार यदुवंश कुमार का कहना था कि प्रदूषण को लेकर जो भी शिकायतें उनके पास पहुंच रही है। उनकी जांच के बाद कारवाई की जा रही है।
हसनपुर मसूरी गांव में हिंन्द वाशिंग के नाम से एक जींस रंगाई की फैक्ट्री संचालित होने की शिकायत मिली थी कि यह जल प्रदूषण फैला रही है और पानी को बिना ट्रीटमेंट किये बाहर निकाल रहे हैं। शिकायत को देखा गया तो शिकायत सही पायी गयी। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री से रंगीन पानी निकल रहा था तथा यहां पर तीन यूनिट लगी हुई थी। इन सभी फैक्ट्रियों में जींस की रंगाई की जा रही थी। इनके पास प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की अनुमति भी नहीं थी, जिसके देखते हुए इस फैक्ट्रियों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। वहीं, दुसरी फैक्ट्री प्रगति इंटरप्राईजेज के नाम से चल रही थी, जिसके पास रहने वाले किसानों ने इस फैक्ट्री पर भी रंगीन पानी बहाने की शिकायत थी, जो जांच में सही पाया गया। इस फैक्ट्री के बायॅलर को भी सील कर दिया गया है। इसके साथ ही पानी के सेंपल लेकर लेबोरेट्री भेज दिए गए, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कारवाई की जाएगी।
तीन दर्जन से अधिक और फैक्ट्री है संचालित
सुत्रों की माने तो बागपत में अभी और भी कई दर्जन फैक्ट्रीयां संचालित है जिनसे जल प्रदूषण हो रहा है बागपत नगर पालिका में 50 से ज्यादा फैक्ट्रीयां होने का अनुमान प्रदूषण विभाग ने जताया है। जई सतेंद्र प्रताप का कहना है कि ईओं बागपत को लेटर लिखा गया है कि घरों में अवैध रूप से फैक्ट्रीयों को चलाया जा रहा है। जिनको तत्काल प्रभाव से बंद किया जाये लेकिन नगर पालिका मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। जल्द ही इन फैक्ट्रीयों पर भी कारवाई की जायेगी।
कुंभ मेले को देखते हुए प्रमुख सचिव ने दिये हैं सख्त आदेश
सभी जिलाधिकारियों को ऐसी फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश शासन ने दिये है जिनसे नदियों को प्रदुषित किया जा रहा है। बागपत और खेकड़ा भी शासन की रडर पर है क्योंकि यहां पर पहले ही कई शिकायते एनजीटी में भी जा चुकी है जिन पर एनजीटी द्वारा 50 -50 हजार तक का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। खेकडा क्षेत्र में अब तक पांच फैक्ट्रियों पर सीज की कारवाई हो चुकी है।
खेकड़ा में बड़ी युनिट से भी फैल रहा है जल प्रदूषण
बागपत की खेकड़ा तहसील में विभागीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकर नामचीन कंपनीयां भी प्रदुषण फैला रही है। पानी ट्रीटमेंट का प्लांट लगा होने के बाद भी इन फैक्ट्रियों से रंगीन पानी बाहर निकल रहा है। जिसमें घातक कैमिकल मिले हुए है ओर वहां से आने जाने वाले पानी से उठने वाली दुगंर्ध से प्ररेशान हैं, लेकिन कोई अधिकारी इन फैक्ट्रियों पर कारवाई करने को तैयार नहीं है।