दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा सीएए के समर्थन में तिरंगा यात्रा का आयोजन करने का निर्णय लिया था। इस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत यह यात्रा बड़ौत रेलवे स्टेशन से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होकर निकाली जानी थी। इस तिरंगा यात्रा में शिक्षण संस्थाओं के बच्चे भी शामिल किए जाने थे। प्रशासन द्वारा तिरंगा यात्रा को अनुमति ना मिलने के कारण पुलिस ने पहले ही फील्डिंग बिछा ली थी। रेलवे स्टेशन परिसर में काफी संख्या में पुलिसबल सीओ बागपत ओमपाल सिंह के नेतृत्व में एकत्रित किया गया था।
रेलवे स्टेशन परिसर में बेरिकेटिंग भी की गई थी, ताकि इस तिरंगा यात्रा को निकलने से रोका जा सकें। निर्धारित 11 बजे जब एबीवीपी व भाजपा कार्यकर्ता स्टेशन परिसर में जमा होना शुरू भी हो गए। शहर के डिवाइन ग्लोबल एकेडमी के बच्चे भी यात्रा में शामिल होने के लिए पहुँच गए। सीओ बागपत ओमपाल सिंह व बड़ौत कोतवाल अजय शर्मा द्वारा परिषद कार्यकर्ताओं को स्पष्ट चेतावनी दी गयी कि यदि बिना अनुमति के यात्रा निकालने का प्रयास भी किया गया तो पुलिस सख्ती करेगी। पुलिस ने स्कूली बच्चों व शिक्षकों को भी वहां से वापस लौटा दिया। इस पर कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि बिना अनुमति के दिल्ली के शाहीन बाग में 50 दिन से अधिक मार्ग जाम कर धरना दिया जा रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्टा पुलिस और प्रशासन उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से तिरंगा यात्रा भी नहीं निकालने दे रहा है। जबकि उनके द्वारा कई बार यात्रा की लिखित अनुमति लेने का प्रयास भी किया गया, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस बार वे फिर से हर हाल में तिथि निर्धारित कर तिरंगा यात्रा निकालेंगे। इस दौरान परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया।