जिले के 60 हजार विद्यार्थियों को पास होने के लिए करना होगी बोर्ड तर्ज पर पढ़ाई, सबको पास करने की नीति खत्म, छोटे विद्यार्थियों को देना होगी बोर्ड परीक्षा
बड़वानी•Oct 07, 2022 / 12:04 pm•
harinath dwivedi
Right to Education Act
विशाल यादव…
बड़वानी. शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों और शिक्षकों के सामने हर बच्चे को पास करने की बाध्यता थी। चाहे बच्चा स्कूल आए, न आए, परीक्षा दे या न दे, उसे पढऩा-लिखना आए-न आए, सबको पास करना जरुरी था। चूंकी इसके दुष्परिणाम सामने आने पर अधिनियम में संशोधन करना पड़ा और अब यह तय हुआ कि परीक्षा में तय किए गए अहकारी अंक प्राप्त न करने वाले परीक्षार्थियों को एक और परीक्षा का मौका दिया जाएगा, लेकिन उस परीक्षा में उत्तीर्ण नहीे हो पाते है तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
ऐसे में अब हर छात्र पास हो जाए यह जरुरी नहीं, जो छात्र उस कक्षा के स्तर का लिखना-पढऩा सीख पाएंगे वे ही अगली कक्षा में पहुंच सकेंगे। वहीं सभी निजी व प्राइवेट स्कूलों में प्राथमिक की पांचवीं और माध्यमिक की कक्षा आठवीं की परीक्षा बोर्ड के रुप में होगी। इसमें इस वर्ष जिले के 60 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। पांचवीं कक्षा में शासकीय व निजी स्कूलों के करीब 35, तो कक्षा आठवीं में 25 हजार विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देंगे। इसमें शासकीय व निजी तथा अनुदान प्राप्त शालाओं के बच्चे भाग लेंगे।
भोपाल से आएंगे सभी प्रश्रपत्र
पांचवीं-आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा ही आयोजित की जाएगी। इनके प्रश्रपत्र भी भोपाल से बनकर आएंगे और अलग-अलग केंद्र बनाकर परीक्षा होगी। परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन विकासखंड बदलकर ही किया जाएगा। जिले के एक अथवा अधिक विकासखंड की उत्तरपुस्तिकाएं दूसरे जिले में भी मूल्यांकन के लिए भेजी जा सकती है। वहीं परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों को प्रिंटेड मार्कशीट प्रदान की जाएगी। बता दें कि इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक ने पत्र भेजकर कहा कि गत वर्ष प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं हुई थी, जो इस बार पूरी तरह बोर्ड द्वारा ही ली जाएगी।
राहत : इधर 20 पायदान सुधरी जिले की रैंक
जिला, जन पद व शालाओं की रैकिंग प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से प्राथमिकताओं व गणना प्रणाली के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के 52 जिलों में रैकिंग की गई हैं। इसमें बड़वानी जिले में पिछली बार के मुकाबले 20 अंकों का सुधार किया हैं। पिछली बार जिले को जहां 47 वीं रैंक से संतुष्ट होना पड़ा था, जो इस बार इसमें सुधार होने से 27 वीं रैंक हासिल हुई है। हालांकि कुल 71.1 अंक के साथ अभी भी बी ग्रेड ही मिल पाई हैं। इससे शैक्षणिक सुधार की काफी आवश्यकता हैं।
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