बता दें कि नोएडा में तैनाती के दौरान मुकेश गोयल ने सुपरटेक के लिए नियम के विपरीत कार्य किया था। इस खेल का खुलासा होने के बाद उसे गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण स्थानान्ततिर कर दिया गया था। 16 अगस्त 2021 को उसने यहां प्रबंधक नियोजन के रूप में कार्यभार ग्रहण जरूर किया लेकिन अगले ही दिन अवकाश पर चला गया। उसने एक दिन भी यहां ड्यूटी नहीं की। उसी दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने के निर्देश पर उसे निलंबित करते हुए गीडा से संबद्ध रखा गया।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कर्मचारियोें के मुताबिक मुकेश गोयल कार्यालय से गायब है। वह कभी अगर आता भी है तो कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद लौट जाता था। टावर के ध्वस्तीकरण के बाद एक बार फिर मुकेश गोयल चर्चा का विषय बना हुआ है।
लोगों का मानना है भष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी इमारत ढहने के बाद अब सरकार इसके आरोपितों पर शिकंजा जरूर कसेगी। गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि मुकेश गोयल ने कार्यभार संभालने के बाद से एक दिन भी गीडा में काम नहीं किया है। निलंबन के बाद से उसका संबद्धीकरण यहीं है। फिर भी वह गायब है। वह कहां रहता है इस बारे में भी किसी को जानकरी नहीं है।