श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का संकल्प साढ़े तीन साल के भीतर भव्य मंदिर निर्माण करने का है। जब तक आम जन के लिए मंदिर का लोकापर्ण होगा उसके पहले केंद्र सरकार पर्यटकों को एक और तोहफा देने की तैयारी में है। योजना के तहत भगवान राम 14 वर्षों तक जिन रास्तों से वनवास के दौरान गुजरे थे, उसे रामवन गमन पथ के रूप में विकसित किया जाएगा। अयोध्या से यूपी के बार्डर चित्रकूट तक इसकी दूरी 375 किलोमीटर है। यहां तक सरकार 4 लेन का राष्ट्रीय राजमार्ग बना रही है। रामवन गमन पथ पर श्रीराम से जुड़े धार्मिक स्थल को भी विकसित करने की योजना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में अयोध्या से चित्रकूट तक रामवन गमन पथ तैयार किया जाएगा इस पर लगभग 300 करोड़ की लागत आएगी। इसे 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। यूपी की सीमा से आगे इसे मध्य प्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ की सरकारें बनाएंगी। इसी तरह अन्य राज्यों के लिए प्रोजेक्ट तैयार है।
उप्र प्रदेश पर्यटन विभाग अपनी नयी पर्यटक पालिसी बना रहा है। इसमें मथुरा, काशी, प्रयागराज अयोध्या और गोरख धाम शामिल होंगे। इसके पहले पर्यटक टूर को दृष्टिगत रखते हुए काशी-अयोध्या और गोरख धाम राजमार्ग को दो साल के अंदर बनाए जाने की कोशिश है। यात्री जब लखनऊ एयरपोर्ट उतरें तो अयोध्या जाएं या बनारस या फिर गोरखधाम उन्हें सड़कें एकदम चकाचक मिलें।
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रामायण एक्सप्रेस और रामायण यात्रा ट्रेन
अयोध्या के रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। अभी तक इस पर 108 करोड़ खर्च हो चुका है। इसके अलावा देश-विदेश के पर्यटकों के लिए इसी साल से ही रामायण एक्सप्रेस और रामायण यात्रा ट्रेन भी शुरू की जाएंगी। इनकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
मंदिर निर्माण से पहले अयोध्या शहर में अंतरष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया करवायी जाएंगी। बढिय़ा सड़कें, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, पांच सितारा होटल पर अयोध्या तीर्थ विकास परिषद काम कर रहा है। अयोध्या में घाटों, मंदिरों को भी संवारा जा रहा है।