झूलनोत्सव के लिए 5 पुजारी करते हैं श्रृंगार राम जन्मभूमि से महज 1 किलोमीटर पर स्थित राज गोपाल मंदिर में सैकड़ों वर्षों से झूलनोत्सव की अनोखी परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है। प्रति दिन चांदी के इस झूले सहित भगवान का श्रृंगार किया जाता है। मंदिर परिसर के 5 पुजारी रोज भगवान का श्रृंगार अभिषेक श्रृंगार करते और अन्य पुजारी उनके इस चांदी के सिंघासन को उत्सव के लिए अलग अलग इत्र से महकाते और फूलों से सजाते है। और शाम होते ही मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजायमान हो जाता है।
मनमोहक स्वरूप में सजाते हैं सिया और सरकार मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी शरद शास्त्री के मुताबिक अयोध्या में झूलनोत्सव की यह परंपरा सैकड़ों वर्षो से निभाया जा रहा है। आज भी चांदी के झूले पर भगवान का उत्सव होता है। और प्रतिदिन इस मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाने के लिए शाम को 5 घण्टे ही खुलता है। इस पूरे दिन बड़े ही विधि विधान से इस मंदिर में भगवान का पूजन अर्चन चलता है। इस मंदिर की मनमोहक भगवान का स्वरूप के सामने सांस्कृतिक अयोजन, गीत संगीत किया जाता है।