राममंदिर निर्माण की नींव पूजन के बहाने भाजपा एक बार फिर पूरे माहौल को राममय करना चाहती है। इसीलिए अयोध्या के 84 कोस में सभी ऋषि-मुनियों की तपोस्थली पर तीन दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान चलेगें। इसकी जिम्मेदारी अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह की मिली है। 151 तीर्थ स्थलों पर श्री रामचरितमानस, श्री दुर्गा सप्तशती और श्री विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ होंगे। पीएम मोदी के अयोध्या पहुंचते ही 84 कोस में एक साथ सभी तीर्थस्थलों पर वैदिक मंत्रोचार और शंखनाथ होगा। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर भी धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा। 5 अगस्त को सुबह जप और पाठ के बाद साधक, श्रद्धालु हवन में आहुतियां डालेंगे। भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा बसाई गई नगरी कुशभवनपुर (सुलतानपुर) में 5 अगस्त को सीताकुंड घाट पर 5100 भगवा झंडे लगाए जाएंगे। हर ध्वज पर ओम के साथ भगवान श्रीराम का चित्र और जय श्रीराम लिखा हुआ होगा। पूरे प्रदेश में 5 को दीवाली जैसा माहौल होगा।
अमेरिका में ऑनलाइन प्रार्थना5 अगस्त को शिलान्यास की गूंज न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में सुनाई देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस वक्त अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कर रहे होंगे, ठीक उसी समय सात समुंदर पार अमेरिका के मंदिरों में ऑनलाइन प्रार्थना सभा होगी। अनूप जलोटा और संजीवनी भेलांडे के यहां भजन सुनाए जाएंगे। हिंदू मंदिर एग्जिक्यूटिव्ज कॉन्फ्रेंस (एचएमईसी) और हिंदू मंदिर प्रीस्ट्स कॉन्फ्रेंस (एचएमपीसी) के सदस्य अयोध्या पहुंचे हैं। वे यहां से लाइव प्रसारण करेंगे। उनके मुताबिक भूमि पूजन के शुभ अवसर पर अमेरिका, कनाडा और कैरेबियाई द्वीपों के मंदिर भूमि पूजन पर भगवान राम के ‘चरणकमल’ में सेवा देंगे।