राम मंदिर भूमिपूजन के लिए वैदिक मंत्रों के साथ पहला कार्ड विघ्नहर्ता गणपति महाराज को दिया गया था। इसके बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया।
इससे पहले जन्मभूमि पूजन के मंच से हिंदुत्व के साथ ही सर्वधर्म समभाव का संदेश देने की कोशिश की गई थी। कार्यक्रम में 36 सम्प्रदायों के 135 साधु-संतों आमंत्रित किया गया था। इनमें हिंदुओं के अलावा, मुस्लिम, सिख, जैन और बौद्ध, कबीरपंथी, रविदास, लिंगायत और आदिवासी परंपराओं के प्रतिनिधि थे। इसके अलावा भूमि पूजन के लिए और 2000 स्थानों की मिट्टी और जल के लिए 1500 का स्रोतों का चयन बहुत ही सोच-समझकर लिया गया है। इसका मकसद सर्वधर्म समभाव और समावेशी हिंदुत्व को दर्शाना है।