सांसद बनने के बाद योगी मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri), डॉ. एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) ने त्यागपत्र दे दिया है। इसके अलावा एक और मंत्री रहे सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा चुका है। मंत्रिमंडल में शामिल स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि उन्हें भी मंत्रिपद छोड़ना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में मंत्रिमंडल केवल 42 सदस्यीय ही रह जाएगा, जबकि मार्च 2017 में जब योगी मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी, तब मंत्रियों की संख्या 47 थी। गौरतलब है कि योगी मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 60 तक हो सकती है।
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इन्हें मिल सकता है मंत्रिपदसूत्रों का कहना है कि योगी मंत्रिमंडल के संभावित फेरबदल में कम से कम दो ब्राह्मण, दो ठाकुर, तीन पिछड़ों और दो अनुसूचित जाति के चेहरों को शामिल किया जा सकता है। किसी गुर्जर नेता को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह भाजपा संगठन में नये चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बीजेपी आलाकमान से मिलकर सूबे के चार मंत्रियों के कामकाज पर नाराजगी जता चुका है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) खुद भी कई मंत्रियों और उनके विभागों के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं। ऐसे में या तो इन मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे या फिर इनको कोई और जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। साथ ही कुछ मंत्रियों को मौजूदा विभागों के साथ दूसरा कोई महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है।