कल्चरल कमीशन के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक ने टोलो न्यूज को बताया कि उन्होंने इस खजाने की खोज के लिए संबंधित विभाग को काम दिया है। यह जांच का विषय है कि आखिर बैक्ट्रियन खजाना अब भी अफगानिस्तान में है या फिर इसे बाहर ले जाया गया है। यदि कोई से बाहर ले गया होगा, तो यह राजद्रोह होगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
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बैक्ट्रियन खजाने में प्राचीन दुनियाभर के हजारों सोने के टुकड़े होते हैं। यह पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईसवी तक छह कब्रों के अंदर पाए गए थे। इन कब्रों में बीस हजार से अधिक दूसरे सामान थे। इनमें सोने की अंगुठियां, सिक्के, हथियार और दूसरे गहने आदि शामिल थे। सोने के अलावा इनमें से कई को फिरोजा करेलिन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था।
विशेषज्ञों की मानें तो ये सभी छह कब्रें अमीर एशियाई खानाबदाशों की थीं। इनमें पांच महिलाएं और एक पुरूष शामिल थे। उनके साथ मिली दो हजार साल पुरानी कलाकृतियां सौंदर्य प्रभावों जिनमें फारसी से लेकर ग्रीक तक शामिल हैं, का दुर्लभ मिश्रण प्रदर्शित करती है। बड़ी संख्या में कीमती वस्तुओं, विशेष रूप से छठें कब्र में मिला सुनहरा मुकुट देख हर कोई हैरान रह गया था। बैििक्ट्रयन खजाना अफगानिस्तान की महत्वपूर्ण धरोहर है। इसे फरवरी 2021 में राष्ट्रपति भवन में लोगों को देखने के लिए खोल दिया गया था।
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कहा यह भी जा रहा है कि प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जो भी अनुबंध किया गया है वह उसी तरह रहेगा। वासिक ने यह भी बताया कि उनके आंकलन से पता चलता है कि राष्ट्रीय संग्रह और राष्ट्रीय गैलरी तथा अन्य ऐतिहासिक प्राचीन स्मारकों की वस्तुएं अपनी जगह पर सुरक्षित है।