बता दें, इन चुनावों में इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी) सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी।
पाकिस्तान ? मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों का आरोप था कि विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाले गए मतों को पोलिंग एजेंटों को बाहर निकाले जाने के बाद बदला गया था।
पाकिस्तान के इलेक्शन कमिशन (ईसीपी) ने इन दावों को खारिज किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल असेंबली या निचले सदन ने मंगलवार को संसदीय समिति के गठन को मंजूरी दे दी जो 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में कथित तौर पर हुई गड़बड़ियों की जांच करेगा। खबरों में यह भी आ रहा था कि इमरान खान की पार्टी को सेना का मूक समर्थन हासिल था। पार्टी ने चुनाव में सबसे ज्यादा 116 सीटें हासिल की थीं।
342 सदस्यों वाली राष्ट्रीय असेंबली में नौ निर्दलीय सदस्यों के समर्थन के बाद पार्टी सांसदों की संख्या 125 हो गई और महिलाओं के लिए आरक्षित 60 सीटों में से 28 सीटें और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 10 सीटों में से पांच सीटें आवंटित किए जाने के बाद पार्टी सांसदों का आंकड़ा 158 तक पहुंच गया।
बजट संशोधनों को मंजूरी के लिए बुलाए गए राष्ट्रीय असेंबली के सत्र में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रस्ताव पेश किया और इसे सर्वसम्मत से पारित कर दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि- ‘सरकार और विपक्ष का इस समिति में बराबर का प्रतिनिधित्व होगा।’ उन्होंने कहा कि पीएम खान से की सलाह के बाद सरकार समिति के प्रेजीडेंट के नाम की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि- ‘समिति में केवल नेशनल असेंबली के सदस्य होंगे। सीनेटर के सदस्यों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।’ बता दें, अगस्त में राजनीतिक दलों ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान चुनाव आयोग के सामने और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन किया था।