दरअसल, पीएम ओली ने ये दावा किया कि असली अयोध्या नेपाल में ( Real Ayodhya In Nepal ) है। भारत में जो अयोध्या है वह नकली है। साथ ही यह भी कहा कि सीता का जिस भगवान राम ( Lord Ram ) से विवाह हुआ था वे नेपाली थे न कि भारतीय थे। अब इस बयान को लेकर नेपाल में ही विरोध के स्वर उठने लगे।
पीएम ओली के इस बयान से बवाल मचता देख आनन-फानन में विदेश मंत्रालय ( Foreign Ministry of Nepal ) ने सफाई पेश की। नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पीएम ओली के बयान का राजनीतिक मुद्दे से लेनादेना नहीं है। इससे किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। बयान का उद्देश्य अयोध्या के महत्व और सांस्कृतिक मूल्य को भी कम करना नहीं था।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में आगे यह भी कहा गया है कि श्री राम और उनसे जुड़े स्थानों को लेकर कई तरह के मिथ और संदर्भ हैं। ऐसे में पीएम ओली और अधिक अध्ययन और शोध ( Study and research ) के महत्व को रेखांकित कर रहे थे।
पार्टी के नेताओं ने ही ओली की निंदा की
पीएम ओली के अजीबोगरीब बयान को लेकर उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने निंदा की। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ( Nepal Communist Party ) के कई नेताओं ने खुलकर इसका विरोध करते हुए ओली को बयान वापस लेने की मांग की और बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कहने की सलाह भी दी।
पार्टी के उपाध्यक्ष बामदेव गौतम ( Vice President Bamdev Gautam ) ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि पीएम ओली के बयान से अंतर्राष्ट्रीय विवाद पैदा हुआ है। मैंने इस मुद्दे पर दो साल पहले चर्चा की थी, जब मैं उनसे मिलने के लिए बालूतरा गया था। मैंने उन्हें यह भी सलाह दी कि वह इस संबंध में अध्ययन किए गए किसी भी संदर्भ सामग्री का बिना शोध के, बिना तथ्यात्मक साक्ष्य के उल्लेख न करें। मुझे आश्चर्य हुआ कि बिना किसी तथ्यात्मक प्रमाण के कल उन्होंने यह बात कही।
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राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के सह-अध्यक्ष कमल थापा ( Kamal Thapa, co-chairman of the National Democratic Party ) ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के निराधार, अप्रमाणित बयानों से बचना चाहिए। थापा ने ट्वीट किया, ‘ऐसा लग रहा है कि पीएम तनावों को हल करने के बजाय नेपाल-भारत संबंधों को और खराब करना चाहते हैं।’
अयोध्या को लेकर ओली ने क्या कहा था
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को दावा किया कि ‘वास्तविक’ अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण करने के लिए नकली अयोध्या ( Fake Ayodhya ) का निर्माण किया है। नेपाली कवि भानुभक्त आचार्य की 206वीं जयंती पर प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ब्लूवाटर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के वीरगंज के पश्चिम में थोरी में हुआ था। ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ा मोड़ा गया है।
ओली ने कहा कि इतनी दूरी पर रहने वाले दूल्हे और दुल्हन का विवाह उस समय संभव नहीं था जब परिवहन के साधन नहीं थे। बता दें कि भानुभक्त ( Bhanubhakat ) का जन्म पश्चिमी नेपाल के तानहु में 1814 में हुआ था और उन्होंने वाल्मीकि रामायण ( Valmiki Ramayana ) का नेपाली में अनुवाद किया था।