विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली का कहना है कि उन्हें यही बताया गया है कि सीता का जन्म जनकपुर में हुआ और राम का जन्म अयोध्या में हुआ, लेकिन जिस दिन अध्ययन से नए तथ्य मिल जाएंगे, रामायण का पूरा इतिहास बदल जाएगा। ज्ञवाली ने एक इंटरव्यू में कहा कि जिस तरह बुद्ध को लेकर लिखित इतिहास है, वैसा रामायण के साथ बिल्कुल नहीं है।
ज्ञवली का कहना है कि रामायण सभ्यता की पुरातात्विक अध्ययन की पुष्टि के लिए अभी पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने ने कहा कि रामायण में बताए गए स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा जारी है। इसके सांस्कृतिक भूगोल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
क्या कहा था ओली ने? नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने सोमवार को दावा किया कि ‘वास्तविक’ अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। ये बाते काठमांडू में नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती के अवसर पर ओली ने कही। उन्होंने कहा कि नेपाल सांस्कृतिक अतिक्रमण का शिकार हुआ है और इसके कारण इतिहास से छेड़छाड़ हुआ है।
विवाह उस समय संभव नहीं था कवि भानुभक्त का जन्म पश्चिमी नेपाल के तानहु में 1814 में हुआ था। उन्होंने वाल्मीकि रामायण का नेपाली में अनुवाद किया था। ओली के अनुसार वास्तविक अयोध्या बीरगंज के पश्चिम में थोरी में स्थित है, जबकि भारत अपने यहां भगवान राम का जन्मस्थल होने का दावा करता है। ओली के अनुसार इतनी दूरी पर रहने वाले दूल्हे और दुल्हन का विवाह उस समय संभव नहीं था जब परिवहन के साधन ही नहीं थे।
उन्होंने कहा कि बीरगंज के पास जिस स्थान का नाम थोरी है वह वास्तविक अयोध्या है। यहां भगवान राम का जन्म हुआ था। भारत में अयोध्या पर बड़ा विवाद है। लेकिन हमारी अयोध्या पर कोई विवाद नहीं है। इससे पहले ओली कई मौकों पर भारत को अपना दुश्मन बता चुके हैं। हाल में आई बाढ़ को लेकर भी उनकी सरकार ने भारत को दोषी ठहराया है। नेपाली सरकार का कहना है कि भारत द्वारा बांध बनाने के कारण यहां पर बाढ़ जैसे हालात हैं।