पाकिस्तान: पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पैरोल अवधि बढ़ाने में लगी पार्टी बता दें, पूर्व पीएम शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को एक जवाबदेही अदालत ने लंदन में चार आलीशान फ्लैटों की मिल्कियत के सिलसिले में इसी साल जुलाई में भ्रष्टाचार का दोषी पाया था। इस मामले में पूर्व पीएम को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। जबकि उनकी बेटी मरियम तथा दामाद सफदर को क्रमश: सात और एक साल जेल की सजा दी गई थी। शरीफ ने एवनफील्ड मामले पर आए फैसले पर रोक लगाने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिन पर अदालत सुनवाई के लिए राजी हो गई है।
पाक विदेश मंत्रालय का बयान, भारत के लिए अफगान व्यापार मार्ग खोलने पर अभी नहीं किया विचार इसके खिलाफ नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एवनफील्ड मामले के फैसले पर रोक के लिए दायर शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली एनएबी की याचिका को ‘बेतुका’ कहकर खारिज कर दिया।
एनएबी के अध्यक्ष जावेद इकबाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शरीफ परिवार के सदस्यों ने एवनफील्ड संपत्ति मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील की है और उनकी जमानत की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए शरीफ परिवार की याचिका स्वीकार करने से पहले एनएबी को नोटिस नहीं भेजा और कोर्ट एनएबी का नजरिया सुने बिना शरीफ परिवार की याचिका पर फैसला नहीं कर सकता है।
प्रधानमंत्री बनने के एक महीने बाद ही इमरान खान की खिंचाई शुरू, मीडिया ने उठाए गंभीर सवाल एनएबी के प्रमुख ने याचिका में यह भी कहा है कि आवेदन को निलंबित करने पर फैसले करने का हक सुप्रीम कोर्ट को नहीं है। इसलिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट को सभी याचिकाओं पर सुनवाई करने से रोका जाना चाहिए। इस दौरान इस्लामाबाद हाईकोर्ट की बैंच ने शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उनके 10 सितंबर के आदेश को चुनौती देने पर हैरानी जताई।