14 साल पहले हुए इस हमले में 500 लोग घायल हुए थे। घायलों में उस समय की प्रमुख विपक्षी पार्टी की प्रमुख शेख हसीना भी शामिल थीं। हमला 21 अगस्त 2004 को बांग्लादेश की वर्तमान प्रधानमंत्री हसीना पर निशाना साधते हुए किया गया था। अवामी लीग की एक रैली पर हुए हमले में शेख हसीना बच तो गईं, लेकिन उनकी सुनने की क्षमता जाती रही।
पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फोजमां बाबर को फांसी
बुधवार को आए फैसले के मुताबिक फांसी की सजा पाने वाले 19 लोगों में पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फोजमां बाबर भी शामिल हैं। वहीं, जिया के बेटे और बंग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान और 18 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि रहमान इस वक्त लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं।
अवामी लीग के 24 नेताओं की मौत
मामले की जांच में खुलासा हुआ कि रहमान समेत बीएनपी सरकार के प्रभावी लोगों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी। हमले में आतंकवादी संगठन हरकतुल जिहाद अल इस्लामी के सदस्य शामिल थे। रैली पर हुए हमले में अवामी लीग कई नेताओं की जान गई थी, इसके अलावा लीग के 500 कार्यकर्ता घायल हुए थे।
हसीना और जिया के पुरानी प्रतिद्वंदिता
इस हमले के बाद बांग्लादेश की राजनीति में काफी बदलाव देखने को मिले। बताया जाता है कि हमले का कारण शेख हसीना और खालिदा जिया के बीच दशकों पुरानी प्रतिद्वंदिता थी। इस बेहद खतरनाक हिंसक हमले में शेख हसीना को खत्म करने की साजिश रची गई थी।