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हर दिन 6 लाख नए मामले आने के बावजूद यह देश दे रहा कोरोना को मात, जानिए कैसे

दुनिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने लगा है। खास तौर पर एशियाई देशों में इसका काफी असर देखने को मिल रहा है। इस बीच एक देश ऐसा भी जहां रोजाना 6 लाख नए केस आ रहे हैं, बावजूद यहां ना तो लॉकडाउन लगता है और ना ही ज्यादा पाबंदियां हैं।

Mar 19, 2022 / 07:51 am

धीरज शर्मा

How South Korea Beating Coronavirus Despite 6 Lakh New Cases Each Day

How South Korea Beating Coronavirus Despite 6 Lakh New Cases Each Day

कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। दुनियाभर में इसके खिलाफ जंग जारी है। खास तौर पर एशियाई देशों में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 का बड़ा खतरा देखने को मिला है। इस बीच पूर्वी एशियाई देश दक्षिण कोरिया में रोजाना लाखों की तादाद में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके यहां ना तो लॉकडाउन लगा है और ना ही ज्यादा पाबंदियां। इस देश में एक खास मैनेजमेंट के जरिए कोरोना से निपटा जा रहा है। 2020 की शुरुआत के बाद से यहां करीब 80 लाख से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन कोरिया ने कभी भी लॉकडाउन लगाने का ऐलान नहीं किया।

इतने केस फिर भी मृत्यु दर सबसे कम

बीते 24 घंटे में साउथ कोरिया में रिकॉर्ड 6,00,000 से अधिक कोरोना वायरस के नए मामले दर्ज किए गए। दुनिया के किसी भी देश में कोरोना के एक दिन में अब तक इतने ज्यादा मामले सामने नहीं आए थे। दिलचस्प बात यह है कि नए मामलों की रिकॉर्ड संख्या के बावजूद दक्षिण कोरिया कोरोना वायरस से सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में शामिल है।

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दरअसल आमतौर पर संक्रमण की दर बढ़ने पर इसकी मृत्यु दर भी बढ़ जाती है, लेकिन साउथ कोरिया में ऐसा नहीं देखने को मिला है।

कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) के मुताबिक, देश में 44,914,731 लोगों, या कुल आबादी के 87.5 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाए जा चुके हैं और पूरी तरह से वैक्सीन लगाए गए लोगों की संख्या बढ़कर 44,443,726 हो गई है।

बूस्टर डोज लगाने में आगे

दक्षिण कोरिया में कोरोना विस्फोट के बीच मृत्यु दर कम होने के पीछे जो सबसे बड़ी वजह है कि वो है वैक्सीनेशन की रफ्तार। इसके साथ ही ये देश सबसे ज्यादा बूस्टर डोज लगाने वाले देशों में भी शामिल है।

– यहां वैक्सीनेशन की दर 88 फीसदी है।
– बूस्टर डोज प्राप्त करने वालों की कुल संख्या 32,185,393 है।
– यहां खासतौर से बुजुर्गों को बड़ी संख्या में बूस्टर शॉट दी गई है।
– ज्यादा वैक्सीनेशन की वजह से यहां मृत्य दर घटकर 0.14 फीसदी पर आ गई है, जो कि दो महीने पहले 0.88 फीसदी थी।
– मौजूदा मृत्यु दर अमरीका और ब्रिटेन की दरों के मुकाबले में 10वां हिस्सा है।

कभी नहीं लगा लॉकडाउन

कोरोना से निपटने के लिए दक्षिण कोरिया ने काफी हद तक अपरंपरागत रणनीति पर काम किया है। यही वजह है कि यहां कोरोना के इतने केस रोजाना सामने आए, लेकिन देश में कभी लॉकडाउन नहीं लगाया गया।

ये भी हैं अहम कारण

– देश ने जल्दी टेस्टिंग और हाई टेक्नोलॉजी वाले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का उपयोग किया।
– इसने बूस्टर डोज की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के लिए उन पहले शॉट्स से परे देखकर यह वैक्सीनेशन की धीमी शुरुआत को दूर करने में कामयाब रहा।
– साथ ही बूस्टर शॉट की सप्लाई पर जोर दिया गया, जिन्हें बुजुर्गों को टारगेट करके इस्तेमाल किया गया।
– कोरिया ने टेस्टिंग पर काफी ध्यान दिया है। हालांकि, उसे यह काफी महंगा पड़ा है।
– देश ने अब तक पीसीआर टेस्टिंग पर लगभग 1.3 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं
– अब एक दिन में एक मिलियन पीसीआर टेस्टिंग करने की क्षमता है।

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