Iran-US Tension: क्या 80 के दशक जैसे ‘टैंकर वार’ की तरफ बढ़ रहे हैं अमरीका और ईरान
दो लाख से अधिक प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आएसरकार में चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम ने कहा कि करीब दो लाख से अधिक प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। यह जनता की आवाज है कि इस बिल को वापस लिया जाए। इसके लिए हांगकांग को खुद पहल करनी चाहिए थी। मगर ऐसा नहीं हुआ। यह सरकार की नाकामी है, जिसके कारण इतने लोगों को सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़नी पड़ी। उन्होंने कहा वह इसके लिए ईमानदारी से माफी मांगती हैं।
हालांकि प्रदर्शकारियों का अब भी मानना है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। लोग उन्हें चीन समर्थक मानते हैं।
Mike Pompeo India Visit: अमरीकी विदेश मंत्री की यात्रा से भारत को क्या हासिल होगागौरतलब है कि चीन के स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। इस बिल को लेकर दशकों में सबसे भयानक हिंसा देखने को मिल रही है। इसके चलते वहां के मुख्य वित्तीय जिले में कुछ सरकारी कार्यालयों को बंद करना पड़ा। बता दें कि यह हिंसा उस वक्त भड़की जब इस बिल पर विधायिका सदन में चर्चा होनी थी। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को इस प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने की कोशिश की थी।
बता दें कि हांगकांग में प्रस्तावित बिल के अंतर्गत क्षेत्र के किसी भी संदिग्ध या अपराधी को हांगकांग सौंप जा सकता है। विशेषज्ञों और प्रदर्शनकारियों के अनुसार इससे हांगकांग हमेशा के लिए चीन के अधीन हो जाएगा। यह एक तरह से चीन की गुलामी है। हिंसक प्रदर्शन के कारण इस बिल पर चर्चा टाल दी गई है। अभी तक हांगकांग के विधान परिषद (Legislative Council) ने डिबेट के लिए आगे की भी कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।