चीन में कोरोना संक्रमण से दोनों मौत उत्तर पूर्वी जिलिन प्रांत में हुईं, जिसके बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 4,638 हो गई है। बता दें कि चीन में शनिवार को संक्रमण के 2,157 नए मामले सामने आए, जो संक्रमण के सामुदायिक प्रसार से जुड़े हैं। यानि ये आने वाले दिनों में तेजी से फैल सकते हैं।
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कड़े प्रतिबंध लगा रही सरकार
चीन में ज्यादातर केस जिलिन प्रांत से सामने आए हैं। संक्रमण के प्रसार को राकने के लिए जिलिन प्रांत में यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को यात्रा के लिए पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
शंघाई में स्कूल बंद
चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों को देखते हुए सरकार की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। शंघाई में स्कूलों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। इसके अलावा चीन के कई पूर्वोत्तर शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसकी वजह है कि कोविड-19 के मामलों में फैलाव या इजाफे को रोका जा सके।
चीन के वुहान से 2019 के अंत में फैले संक्रमण के बाद से अब तक 4,636 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले खबर आई थी कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदी लगाने वाली एवं अत्यधिक आलोचना का सामना कर रही अपनी ‘जीरो कोविड’ नीति में ढील देने से भी इनकार कर दिया है।
भारत को कितना खतरा
एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन में कोरोना के नए मामलों में इजाफे की सबसे बड़ी वजह ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 है। ये वेरिएंट खतरनाक तो ही बल्कि इसके प्रसार की क्षमता भी ज्यादा है। पहले भी चीन से शुरू हुए इस वायरस ने दुनिया के कई देशों में तबाही मचाई है। भारत का पड़ोसी होने के नाते हमें अलर्ट रहने की जरूरत है।
खास तौर पर विदेशों से आने वालों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग बहुत सूक्ष्म तरीके से अनिवार्य होनी चाहिए। इन चीजों में जरा सी भी लापरवाही, कोरोना की एक और लहर को न्योता दे सकती है।
हालांकि कुछ प्रोफेसर और वैज्ञानिकों को यह मानना है कि देश में अब कोरोना की लहर आएगी भी तो, उतना असर नहीं दिखेगा, जिसके दूसरी लहर में देखने को मिला था। इसके पीछे वैक्सीनेशन बड़ी वजह बताई जा रही है।
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