रेपिस्टों के खिलाफ सख्ती
अमरीकी मीडिया की खबरों में बताया गया है कि नए कानून के मुताबिक रेपिस्टों को नपुंसकता के इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं या दवा दी जा सकती है। कानून में यह भी प्रावधान है कि बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों को जमानत पर छोड़े जाने से पहले ही ऐसे इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पैरोल देने से करीब एक महीने पहले से ये इंजेक्शन लगाए जाएंगे। यह भी बताया गया है कि इंजेक्शन लगाने के बाद नपुंसकता का असर स्थाई नहीं रहेगा।
अलबामा के कानून में खास बात यह है कि इंजेक्शन का खर्च दोषी व्यक्तियों को ही देना होगा। यही नहीं, अगर कोई शख्स इंजेक्शन नहीं लगवाने का फैसला करता है, तो उसे जेल से आजादी नहीं मिलेगी। इस बात का भी फैसला कोर्ट ही करेगा कि दोषी को कब इंजेक्शन लगाए जाने की जरूरत है।
आपको बता दें कि अमरीका में केवल अलाबामा में ही इस तरह का कानून नहीं है। हालांकि कानून बनाए जाने के साथ ही अब अमरीका में 7 ऐसे राज्य हो जाएंगे जहां इस तरह का सख्त कानून लागू है। असल में अमरीका में रेप के दोषियों को के लिए इस तरह की सजा का प्रावधान पहले से है। लूसिआना और फ्लोरिडा जैसे महत्वपूर्ण राज्य भी इसमें शामिल हैं। अलाबामा की सिविल लिबर्टी यूनियन ने नए कानून की आलोचना की है। कई और संगठन भी इस कानून के खिलाफ हैं। इन संगठनों का मानना है कि असल में ऐसे दमनकारी कानून लोगों के मानवाधिकार का सीधा उल्लंघन है।
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