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अंबिकापुर

गर्भ में नवजात की मौत पर सियासी बवाल, भाजयुमो नेता बोले- डॉक्टरों ने की है हत्या, कांग्रेस बोली- जरूर हो कार्रवाई

दो दिन पूर्व प्रसव से पूर्व ही गर्भ में नवजात की मौत का मामला, डॉक्टरों का कहना था कि भर्ती होने के 36 घंटे पहले हो चुकी थी मौत, कराया गया पीएम

अंबिकापुरMay 28, 2019 / 03:27 pm

rampravesh vishwakarma

BJYM

BJYM leader protest

अंबिकापुर. दो दिन पूर्व अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला के नवजात की मौत गर्भ में ही हो गई थी। इस मामले में परिजन ने महिला डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई।
सोमवार को जहां भाजयुमो ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया, वहीं कांग्रेस ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के पंडरी निवासी 28 वर्षीय ललन प्रसाद पत्नी 24 वर्षीय कमलावती के साथ अंबिकापुर स्थित महुआपारा में रहकर मजदूरी का काम करता है। उसकी पत्नी ९ माह की गर्भवती थी। उसका पहला बच्चा होने वाला था।
ललन ने शुक्रवार की सुबह 9 बजे पत्नी को प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच में भर्ती कराया था। महिला को भर्ती करनेे के दौरान उपस्थित डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी होने की बात कही थी। काफी देर तक डिलीवरी का इंतजार परिजन करते रहे। लेकिन डाक्टर नहीं पहुंची।
Congress leader
शनिवार की सुबह डॉक्टर ने बुलाकर ऑपरेशन किए जाने की बात कही। शनिवार की सुबह ९ बजे ऑपरेशन की सारी प्रक्रिया स्टाफ नर्स द्वारा पूरी कर ली गई। महिला के पति का परमिशन फार्म पर साइन भी करा लिया गया और उसे बाहर इंतजार करने के लिए बोला गया।
इधर दो बजे तक ललन अपने परिजन के साथ बाहर बैठकर इंतजार करता रहा। दो बजे के बाद जब वह अंदर स्टाफ नर्स के पास जाकर पूछा तो उसे बताया गया कि बच्चे की धड़कन बंद हो गई है। इस कारण ऑपरेशन नहीं किया गया। इधर महिला वार्ड में पड़ी रही।
इसे लेकर परिजन ने ऑपरेशन करने वाली डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव व भर्ती करने वाले डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। अभी यह मामला थमा ही नहीं था कि पूरे मामले में राजनीति शुरू हो गई।
सोमवार की सुबह जहां कांग्रेसियों ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन सौपते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की। वहीं भाजयुमो पदाधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन सौंपते हुए संबंधित डॉक्टरों सहित अस्पताल अधीक्षक व अन्य के खिलाफ जुर्म दर्ज किए जाने की मांग की।

जांच के बाद हो कार्रवाई, नहीं तो करेंगे विरोध
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक की अगुवाई में शफी अहमद, शैलेन्द्र सिंह, दुर्गेश गुप्ता, मो. इस्लाम, विनय गुप्ता, आशीष वर्मा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. रवि दास को एक ज्ञापन सौपते हुए कहा कि दो दिन पूर्व मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे एक नवजात शिशु की मौत हो गई थी।
परिजन ने यह आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने पैसों की लेन-देन के चलते दो दिन प्रसूता का ऑपरेशन नहीं किया। दो दिन बाद ऑपरेशन किया तो बच्चे की गर्भ में मौत हो चुकी थी।
कांग्रेसियों ने ज्ञापन सौंपते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की। इसके साथ ही भविष्य मेें मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए, अगर सुविधा उपलब्ध नहीं होगी तो कांग्रेस द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से कड़ा विरोध किया जाएगा।

भाजयुमो ने किया प्रदर्शन
पूरे मामले को लेकर सोमवार को भाजयुमो पदाधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर जमकर हगामा किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। कमलावती के प्रसव के दौरान नवजात की मौत का जिम्मेदार डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव को बताते हुए उनके खिलाफ तत्काल अपराध कायम करने की मांग की।
इसके साथ ही कहा गया कि पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा चुप्पी साधी गई है, जो निंदनीय है। भाजयुमो पदाधिकारियों ने डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव, डॉ. वीके श्रीवास्तव, डॉ. रवि दास व डॉ. अलख वर्मा पर हत्या का जुर्म दर्ज कराने की मांग की। इस दौरान निश्चल सिंह, शैलू सिंह, संजय सोनी, मनोज कंसारी, बल्लू शर्मा, निरंजन राय, दीपक तोमर, अभय साहू, अभिषेक प्रताप सिंह, दीक्षा अग्रवाल, सचिन वर्मा, मारकंडे तिवारी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में दो दिन पूर्व बताई गई मौत
बच्चे की मौत के मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आ गई है। कमलावती के भर्ती से पूर्व की सोनोग्राफी रिपोर्ट में प्रसव की तिथि 11 मई बताई गई थी। मेडिकल जानकारों के अनुसार इसके एक सप्ताह पूर्व या फिर एक सप्ताह बाद प्रसव होने की पूर्व संभावना थी लेकिन रिपोर्ट में भर्ती से दो दिन पूर्व ही नवजात की मौत गर्भ में बताई गई है।

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