आधुनिक समय में शैक्षिक क्षेत्र में भी बदलाव देखा जा रहा है। इंडस्ट्री की मांग अनुसार नए क्षेत्रों में युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। इसलिए आज के युवाओं का शॉर्ट-टर्म कोर्स के प्रति तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। यह कोर्स स्नातक व परास्नातक दोनों कक्षाओं में हैं। डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, बेसिक कंप्यूटर विद एकाउन्टेंसी, हैल्थ सर्टिफिकेट कोर्स युवा कर रहे हैं। इनकी अधिक फीस भी नहीं है। छह माह से एक साल में यह पूरे भी हो जाते हैं।
कई कोर्स है ऑनलाइन कई संस्थान ऐसे हैं जो ऑनलाइन ही ज्ञान बांट रहे हैं। युवाओं को वहां जाने की जरूरत नहीं है। बैंकिंग से लेकर डिजिटल मार्केटिंग में पढ़ाया जा रहा है। प्रोडक्ट एवं सेल्स मैनेजमेंट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा साइंस एंड एकाउंटिंग, डिप्लोमा इन क्लाउड कम्प्यूटिंग, बेसिक कंप्यूटर विद एकाउंटेंसी आदि की भी पढ़ाई ऑनलाइन है।
बेहतर कॅरियर ऑप्शन हैं मिलते ई-कॉमर्स कंपनियों और स्टार्टअप में रुझान बढ़ रहा है। वेब डवलपमेंट, डाटा एनालिटिक्स, ग्राफिक डिजाइनिंग जैसे शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स की डिमांड है। इनमें बेहतर करियर ऑप्शन भी मिलते हैं।
गुलाब सिंह, पॉलिटेक्निक कॉलेज का छात्र
पीएमकेवाई योजना शुरू सरकार की ओर से शॉर्ट-टर्म कोर्सेज की प्रति रूचान पैदा करने के लिए पीएमकेवाई योजना शुरू की गई है। इसमें विद्यार्थियों को दो – तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन छात्रों को कंपनियों में नौकरी आदि मिल जाती है।
हितेश रमानी,प्रिंसिपल, महिला आईटीआई
ड्यूअल कोर्स की मांग बढ़ी नियमित डिग्री के साथ ड्यूअल कोर्स की डिमांड बढ़ रही है। शॉर्ट टर्म कोर्स कॅरिअर में मददगार होते हैं। एक साथ दो क्षेत्रों का कौशल मिल जाता है।
पुष्पेन्द्र चौधरी, पॉलिटेक्निक का छात्र