प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्रों की ओर से भूजल दोहन करने पर मामला
बीकानेर के पर्यावरण कार्यकर्ता ताहिर हुसैन ने एनजीटी में दायर किया। जस्टिस शिव कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों से भूजल को लेकर जवाब मांगा है। इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय हरकत में आया। मंत्रालय ने सबसे ज्यादा जुर्माना औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी (1-4) पर 21.25 करोड़ लगाया है।
इन जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में लगाया जुर्माना
इसी तरह मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र
अलवर पर 3.39 करोड़, रीको औद्योगिक क्षेत्र नीमराणा अलवर, नीमराणा प्रथम, एनआइसी नीमराणा, नीमराणा द्वितीय क्षेत्र पर 7.25 करोड़, रीको जयपुर साउथ मालवीय औद्योगिक क्षेत्र पर 1.16 करोड़, रीको औद्योगिक क्षेत्र कालाडेरा जयपुर पर 3.72 करोड़, रोको औद्योगिक क्षेत्र बिछवाल बीकानेर पर 3.75 करोड़ का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया है। इसके अलावा उदयपुर, सिरोही, करौली, खैरथल, सीकर, माली, चूरू, सवाई माधोपुर, धौलपुर, झुंझुनूं, बाड़मेर, अजमेर आदि जिलों के औद्योगिक एरिया पर जुर्माना लगाया गया है।
सबसे ज्यादा भूजल दोहन इन जिलों में
सबसे ज्यादा भूजल दोहन अलवर, जयपुर, बीकानेर, खैरथल तिजारा जिले में हो रहा है। जल शक्ति मंत्रालय के क्षेत्रीय निवेशक एमएस राठौड़ की ओर से संबंधित रीको औद्योगिक क्षेत्रों को नोटिस जारी किए गए हैं। अब कोर्ट में अधिकारियों के जवाब आने के बाव अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।