बता दें कि यह बात 2007 विधानसभा से पहले की है जब प्रयागराज में एक बार अतीक के गुंडों ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के करीबी की प्रॉपर्टी को हड़प उसपर ताला जड़ दिया था। और आश्चर्य की बात तो यह है कि उस समय सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और केंद्र में कांग्रेस का शासन था। जब यह बात प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची और जब पीएमओ ऐक्टिव हुआ तब जाकर पीड़ित परिवार को उसकी जमीन वापस मिली। बता दें कि प्रयागराज से कांग्रेस का पुराना रिश्ता रहा है।
गौरतलब हो कि यह मामला कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी के बहनोई के भतीजे डोसा गांधी की पत्नी वीरा गांधी से जुड़ा है। बता दें कि प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित पैलेस थियेटर वीरा गांधी के परिवार का है और इसी पैलेस के पीछे की एक प्रॉपर्टी वीरा गांधी के नाम थी और यह प्रॉपर्टी काफी कीमती थी। इसी प्रॉपर्टी से सटे अतीक ने भी एक जमीन खरीदी और जब अतीक की नजर वीरा की इस प्रॉपर्टी पर पड़ी तो उसने अपने आदमियों को भेज कर उस जमीन पर कब्जा कर ताला जड़ दिया। बता दें कि उस समय अतीक सपा से सांसद था।
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अंत में पीएमओ हुआ एक्टिवउत्तर प्रदेश में अतीक की पार्टी की सरकार होने की वजह से कोई भी पीड़िता की बात सुनने को तैयार नहीं था। यहां तक की पुलिस प्रशासन ने भी अनसुना कर दिया। उसके बाद थक हार कर वीरा गांधी के परिवार ने सोनिया गांधी से इस मामले की शिकायत की। तब जाकर सोनिया गांधी ने यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बताई और फिर पीएमओ ऐक्टिव हुआ। पीएमओ के ऐक्टिव होते ही यूपी के अधिकारियों से जवाब तलब किए गए और कहा गया कीइस मामले की जांच की जाए। इसके बाद अतीक और उसके आदमियों ने उस प्रॉपर्टी से अपना कब्जा हटाया।