शाइस्ता परवीन आज पुलिस को चकमा दे रही है। हर जगह पुलिस शाइस्ता को ढूंढ़ने में लगे है लेकिन शाइस्ता बड़े आराम से पुलिसवालों की आंख में धूल झोक रही है। शाइस्ता परवीन का आज से ही पुलिसवालों से पाला नहीं पड़ा है बल्कि शाइस्ता के पिता ही पुलिस विभाग में सिपाही थे। शाइस्ता अपने 6 भाई- बहनों में सबसे बड़ी है। जिसकी वजह से ये हमेशा अपने पिता के साथ पुलिस स्टेशन जाती थी और सारे काम काज को बहुत ही नजदीक से देखती और समझती थी।
शाइस्ता परवीन की पढाई लिखी प्रयागराज में हुआ है। शुरूआती जीवन इनका प्रतापगढ़ में बीता है। शाइस्ता ने ग्रेजुएशन किया है। शाइस्ता के घरवालें और अतीक के घरवालें एक दूसरे को पहले से जानते थे। जब शाइस्ता के घरवालें शाइस्ता का रिश्ता लेकर अतीक के घर गए तो उन्होंने इस रिश्ते के लिए हां कह दिया था। शाइस्ता पहले से बोलने से तेज तर्रार थी। उसने अतीक से ज्यादा पढाई भी की है। और अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी होने के चलते उसे घर संभालना भी अच्छे से आता था। अगस्त 1996 में शाइस्ता का निकाह अतीक अहमद के साथ हो गया। इस वक्त तक अतीक ने जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया था। शाइस्ता के 5 बेटे हुए जिसमें से अब अशद की मौत हो चुकी है।
शाइस्ता परवीन ने सितंबर 2021 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी। उसके बाद जब अतीक के ऊपर मुसीबत आई तब 2023 में शाइस्ता ने मायावती की पार्टी बसपा ज्वाइन किया। लेकिन उमेश पाल मर्डर केस के बाद से शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। जिसके चलते बसपा ने शाइस्ता को पार्टी से निकाल दिया।
अतीक अहमद और शाइस्ता के निकाह के बाद से ही शाइस्ता अतीक के हर जुर्म में उनका बराबर साथ देती थी। उमेश पाल हत्याकांड के समय अतीक अहमद अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद था। उस समय शाइस्ता परवीन बाहर थी। यूपी पुलिस इसी मामले में पूछताछ करने के लिए शाइस्ता को ढूंढ रही है लेकिन शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। जिसके बाद से पूरा शक शाइस्ता की तरफ जाता है कि उमेश पाल मर्डर मे शाइस्ता का पूरा हाथ था।