विजयदशमी के अवसर पर प्रयागराज में क्षत्रिय महासभा ने शस्त्र की पूजा किया। क्षत्रिय महासभा के लोगों ने बताया की यह क्षत्रियों का धार्मिक त्यौहार है। इस दिन हम शस्त्र और शक्ति की पूजा करतें हैं। इस दिन आश्विन मास की दशमी तिथि को दशहरा यानी विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन की रौनक पूरे देश में विजयदशमी के रुप में देखने को मिलती है।
इसे भी पढ़े-मूर्ती विसर्जन कर वापस लौट रहे युवक की सड़क हादसे में युवक की मौत, दो गंभीर रुप से घायल
दशमी तिथि यानी दशहरे के दिन दुर्गा मां की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है। कई जगह विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है। जिसके तहत आज़ प्रयागराज में क्षत्रिय महासभा ने शस्त्रों का पूजन किया। इसके लिए उन्होने शस्त्रों पर गंगाजल छिड़ककर शस्त्रों को पवित्र करने के बाद उन पर हल्दी कुमकुम का टीका लगाया गया। शस्त्रों की पूजा के बाद नगर भ्रमण के लिए भी कुछ जगहों पर निकलें। उनका मानना है कई यह सदियों की परम्परा है। जिसे वह हर वर्ष विजयदशमी के दिन मानते हैं।
शस्त्र पूजन के दौरान क्षत्रिय महासभा के लोगों ने पारंपरिक परिधान में एकत्रित होकर विधि विधान से वैदिक मंत्रों के बीच शस्त्रों की पूजा की साथ ही कामना की। साथ इन शास्त्रों का प्रयोग समाज की रक्षा के लिए सकारात्मक परिणामों के लिए किया जाए ।वही इस दौरान क्षत्रिय महासभा ने शस्त्रों को भांज कर शक्ति प्रदर्शन भी किया लोगों को तिलक लगाकर क्षत्रित्व की परंपरा के निर्वहन का संकल्प लिया। बता दें कि भगवान पुरुषोत्तम श्री राम सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा थे जिन के सम्मान में देशभर के क्षत्रिय समाज या शस्त्र पूजन कर उनके विजय दिवस का उत्साह मनाते