इस मामले में फसे हैं दोनों बेटे बाहुबली अतीक अहमद के बेटे अली अहमद प्रापर्टी डीलर से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने और विरोध पर हमला करने के मामले में वांछित चल रहे हैं। इसी मामले में बाहुबली अतीक अहमद के बेटे अली अहमद और उसके साथी अमन, सारिक, कल्लू, असद के खिलाफ गैरजमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी अदालत से जारी हुआ है। इस कार्रवाई से फरार अभियुक्तों पर कानूनी रूप से शिकंजा कसता जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर जल्दी इनकी गिरफ्तारी नहीं होती है तो संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू की जाएगी। मामले में दो आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया है। वहीं दसरे बड़े बेटे उमर लखनऊ एक नामी प्रॉपर्टी डीलर को अगवाह करने के जुर्म में फरार है। पुलिस ने बड़े बेटे उमर के ऊपर ढाई लाख का इनाम भी घोषित कर दिया है।
दिग्गजों के सामने शाहिस्ता बनी चुनौती बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी अकेले दम पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। उन्होंने यह ऐलान कर दिया है शहर पश्चिम विधानसभा की अवाम उनके साथ है उधर भाजपा मंत्री डोर टू डोर चुनाव प्रचार में जुटे हैं। समाजवादी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार अमरनाथ मौर्य को बनाया है। एआईएमआईएम से शाहिस्ता प्रवीन की टक्कर भाजपा और समाजवादी से होगी।
इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर 2017 के परिणाम 2017 में बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह को 85 हजार वोट मिले थे। सपा की ऋचा सिंह को 60 हजार वोट मिले थे। बीएसपी की पूजा पाल को 40 हजार वोट मिले थे।
निर्दलीय लड़े हसन एखलाक को 4 हजार वोट मिले थे। निषाद पार्टी के चंद्रदेव सिंह को 3 हजार वोट मिले थे।
इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर 2012 के परिणाम बीएसपी की पूजा पाल जीतीं, 71 हजार वोट मिले थे। अपना दल के अतीक अहमद को 62 हजार वोट मिले थे। सपा की ज्योति यादव को करीब 19 हजार वोट पाई थी। बीजेपी के रामजी केसरवानी को 10 हजार से कम वोट मिले थे। बीजेपी को 6 फीसदी से भी कम वोट मिले थे।
जाने प्रयागराज पश्चिमी सीट का इतिहास 2017 में पहली बार इस सीट से बीजेपी जीती थी। 2007 और 2012 में बीएसपी की पूजा पाल विधायक बनी थी। 2004 उपचुनाव में बीएसपी, 2005 उपचुनाव में सपा जीती थी। 1989 से अतीक अहमद की लगातार 5 बार जीत हुई थी। अतीक अहमद तीन बार निर्दलीय, एक बार सपा से जीते थे।
जातीय मतदाताओं की संख्या 80 हजार के करीब दलित वोट
40 हजार पाल वोट भी हार-जीत में अहम
55 हजार ब्राह्मण और 20 हजार ठाकुर वोट
60 हजार मुस्लिम वोटर भी जीत में अहम
दलित और मुस्लिम मिलने पर जीत आसान