पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने सीजेएम की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन करोड़ 84 लाख रुपए गमन किए हैं। कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू ,कुलसचिव प्रोफेसर नरेंद्र कुमार शुक्ला और कुलपति के प्रधान सचिव डॉ अनुपम पांडे को परिवाद में पक्षकार बनाया गया है।सीजीएस ने इस मामले में कर्नलगंज थाने से रिपोर्ट तलब की है। रोहित के अधिवक्ता त्रिवेदी और आशीष द्विवेदी ने बताया कि परिवाद में आरोप लगाया गया है कि फ्लोरिडा रहने वाले पूरा छात्र ईश्वर टोपा ने विश्वविद्यालय को अपनी संपत्ति का एक हिस्सा दान किया था। जिसका मूल्य 22 28 312.27 डॉलर या 15 करोड़ 60 लाख थी। कहा गया है कि विपक्षी दलों ने साजिश करके बैंक में 11करोड़ ही जमा किए हैं।
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बता दें कि बीते दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से पहले शिक्षकों और छात्र नेताओं सहित विश्वविद्यालय प्रशासन आमने सामने आया जिसमें पूर्व शिक्षक प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री सहित रोहित मिश्रा ने घोटाले का मुद्दा उठाया था। जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने नकारते हुए कहा था कि यह मामला गलत है और भ्रामक तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन को बदनाम करने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि यह मामला कोर्ट में है यह आने वाला समय तय करेगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने घोटाले किए हैं या राजनीतिक मुद्दा है। वही इस मुद्दे पर एक पक्ष मजबूती से डटा है और इसको लेकर दिल्ली तक मामले को उठाया जा रहा है ।