अलीगढ़ से पलवल तक का 32 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे करीब 2300 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाना है, वहां भी निशानदेही का काम शुरू कर दिया गया है। इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से एनसीआर की भी कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी।
एक्सप्रेस वे के लिए इन 43 गांवों की जमीन ली जाएगी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अलीगढ़ के जिन 43 गांवों की जमीन ली जाएगी उनका नाम है- अंडला, अर्राना, नयावास, रसूलपुर, ऐंचना, जरारा, चौधाना, तरौरा, उदयगढ़ी, बमौती, लक्ष्मणगढ़ी, नगला अस्सू, दमुआका, खैर, मऊ, बांकनेर, धर्मपुर, उसरहपुर रसूलपुर, नागल कलां, सोतीपुरा, फाजिलपुर कला, नागल खुर्द, खंडेहा, कुराना, टप्पल, आदमपुर, घरबरा, पीपली नगला, कादिरपुर, गनेशपुर, स्यारौल, डोरपुरी, रेसरी, रायपुर, चमन नगलिया, बझ़ेड़ा, राजपुर, जलालपुर, विचपुरी, इतवारपुर, हीरपुरा, बुलाकीपुर, खेड़िया बुजुर्ग और हामिदपुर। अलीगढ़-NCR की बेहतर होगी कनेक्टिविटी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपाध्यक्ष एडीए अपूर्वा दुबे ने बताया कि महायोजना-2031 में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसके एक्सप्रेस वे के बनने से अलीगढ़ और एनसीआर की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। इससे डिफेंस कोरिडोर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर, ग्रेटर अलीगढ़ जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को एक आधुनिक एक्सप्रेस वे की सुविधा मिलेगी। महायोजना में अलीगढ़-खैर रोड का विकास तेजी से होगा।