कथा के संयोजक रामबाबू शर्मा ने बताया कि कलश यात्रा में आगे दो घोड़ों पर रानी लक्ष्मीबाई एवं भारत माता की सजीव झांकी चल रही थी। करीब 500 महिलाएं सिर पर कलश लेकर सम्मिलित हुईं। भागवत कथा की यजमान डॉ. नेहा भाटी ने बताया कि कथावाचक रामप्रवेश शास्त्री वराह घाट मंदिर वृंदावन वाले सुसज्जित बग्गी में कलशयात्रा में सम्मिलित हुए।
डॉ. भाटी व उनके पति रवि भागवत पुराण सिर पर लेकर इस यात्रा में चल रहे थे। बाद में रामप्रवेश शास्त्री ने भागवत कथा का महत्व एवं सुखदेव महाराज के आगमन पर हृदयस्पर्शी शब्दों से कथा का महत्व बताया। इसके बाद आरती कर भागवत कथा का पहला दिन संपन्न हुआ। कथा में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री उमाशंकर मौजूद रहे।
सोमवार दोपहर 4 से शाम 7 बजे तक भागवत कथा वाचन होगा। आयोजन में कैलाश सोनी, बीरम सिंह रावत, रावत महासभा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह रावत, सज्जन सिंह राठौड, सुरेंद्र सिंह रावत, शंकर जांगिड़, संजय वैष्णव, राम सिंह रावत, गौरव गौड़, विकास गौड, अलका, प्रभात आदि मौजूद रहे।