वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर लीक मामले में 18 अप्रेल को एसओजी ने आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। चालक को निलंबित किया जा चुका है। आयोग ने संवैधानिक पद पर होने से कटारा के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मुख्य सचिव उषा शर्मा को पत्र लिखा है।
काफी लम्बी है प्रक्रिया
आरपीएससी अध्यक्ष अथवा सदस्यों की अनियमितताओं अथवा गम्भीर मामलों में सरकार पूरी रिपोर्ट राज्यपाल को भेजती है। राजभवन स्तर पर विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए संबंधित सदस्य-अध्यक्ष को बर्खास्त-निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति तक फाइल भेजनी पड़ती है। मालूम हो कि 74 साल में पहली बार आयोग का कोई सदस्य गिरफ्तार हुआ है।
यह है कार्रवाई नियम
संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत संघ अथवा राज्य लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाने और निलंबित का प्रावधान निर्धारित है। इसके अनुसार अध्यक्ष अथवा सदस्य के मामले में खंड (1) के अधीन उच्चतम न्यायालय को निर्देशित किया गया है। किसी अध्यक्ष अथवा सदस्य का अपनी पदावधि में अपने पद के कर्तव्यों के बाहर सवेतन-नियोजन, दिवालिया, मानसिक-शारीरिक रूप से अक्षम होने पर कार्रवाई का प्रावधान है। यूपीएससी के स्तर पर राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में राज्यपाल संबंधित व्यक्ति को पद से तब तक के लिए निलंबित कर सकते हैं जब तक राष्ट्रपति ऐसे निर्देश पर उच्चतम न्यायालय का प्रतिवेदन मिलने पर अपना आदेश पारित नहीं कर देता है।
आरपीएससी सदस्य के मामले में सरकार से फाइल का इंतजार है। इसके बाद ही राजभवन विधिक प्रावधानुसार कार्रवाई करेगा।
सुबीर कुमार, प्रमुख सचिव, राजभवन